नई दिल्ली: कर्नाटक की राजधानी बैंगलुरू में जल्द ही AI स्मार्ट वॉटर मीटर लगाने का निर्णय लिया गया है। इस अत्याधुनिक तकनीक का उद्देश्य राजस्व बढ़ाने के साथ ही पानी की खपत को नियंत्रित करना और बर्बादी से रोकना है। हालांकि AI स्मार्ट वॉटर मीटर क्या है और ये कैसे काम करता है आइए जानते है.
कैसे काम करता है AI स्मार्ट वॉटर मीटर?
AI स्मार्ट वॉटर मीटर ट्रेडिशनल मीटर से ज्यादा एडवांस और बेहतर है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) तकनीक का इस्तेमाल होता है। मीटर में उच्च सटीकता वाले सेंसर लगाए गए हैं, जो पानी के प्रवाह, दबाव और खपत को हर सेकंड रिकॉर्ड करते हैं। यह डेटा रियल-टाइम में यूजर्स के स्मार्टफोन या डैशबोर्ड पर भेजा जाता है, जिससे उन्हें अपनी पानी की खपत का सटीक अंदाजा हो सके।
कैसे रोकती है पानी की बर्बादी?
- मीटर में AI एल्गोरिदम खपत के पैटर्न को पहचानता है और लीक या अनियमित खपत का तुरंत पता लगाता है।
- पानी की खपत सामान्य सीमा से अधिक होने पर यह यूजर्स को अलर्ट भेजता है।
- इससे न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि छोटी-छोटी लीक का भी तुरंत समाधान हो सकता है।
क्या हैं फायदे?
AI स्मार्ट वॉटर मीटर के जरिए पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है. इसके साथ यह बिलिंग प्रक्रिया को आटोमेटिक और पारदर्शी बनाता है। बैंगलुरू में उठाया गया यह कदम जल बचाव में एक बेहतरीन पहल साबित हो सकती है. इसके साथ ही उम्मीद है कि यह मॉडल देश के अन्य हिस्सों में जल्द ही अपनाया जाएगा।
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