प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को आज प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफना दिया गया। असद के जनाजे में 35 करीबी रिश्तेदार शामिल हुए। बाकी स्थानीय लोगों को पुलिस ने कब्रिस्तान के बाहर ही रोक दिया। झांसी से असद के शव को घर न ले जाकर सीधे कब्रिस्तान ले जाया गया, जहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उसे सपुर्द-ए-ख़ाक कर दिया गया।
जनाजे में शामिल नहीं हो सका अतीक
माफिया अतीक अहमद अपने बेटे असद के जनाजे में शामिल नहीं हो सका। अतीक ने शुक्रवार को बेटे के जनाजे में शामिल होने के लिए रिमांड मजिस्ट्रेट से अपील की थी, लेकिन छुट्टी होने के कारण अदालत ने इनकार कर दिया था। इसके बाद अब शनिवार को सीजेएम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है।
असद के फूफा शव लेने पहुंचे थे झांसी
इससे पहले शुक्रवार शाम करीब 7 बजे असद के फूफा डॉ. उस्मान, एक रिश्तेदार और दो वकील के साथ झांसी पहुंचे। इसके बाद रात 9:30 बजे शूटर गुलाम के साले नूर आलम और रिश्तेदार मोहम्मद रेहान भी झांसी पहुंचे। पुलिस ने दोनों के रिश्तेदारों से पहले वेरिफिकेशन कराया, इसके बाद उन्हें शव सौंपे गए। देर रात करीब 1:30 बजे पुलिस का काफिला असद-गुलाम के शव को लेकर प्रयागराज के लिए निकला।
36 घंटे बाद प्रयागराज भेजा गया शव
बता दें कि शुक्रवार को झांसी में पूरे दिन इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही कि असद और गुलाम के शव को लेने के लिए परिजन आएंगे या नहीं। झांसी के जीवनशाह कब्रिस्तान में पुलिस प्रशासन ने कब्र भी खुदवा ली थी। अगर असद-गुलाम के परिजन नहीं आते तो दोनों को यहीं दफना दिया जाता। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद दोनों का शव मॉर्चुरी में रखवाया गया था।
झांसी में हुआ था दोनों का एनकाउंटर
उमेश पाल हत्याकांड में यूपी पुलिस ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर गुलाम को यूपी एसटीएफ ने झांसी में एनकाउंटर में ढेर कर दिया। असद और गुलाम दोनों 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार थे। दोनों के ऊपर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस ने बताया कि इनके पास से विदेशी हथियार बरामद हुए। बता दें कि असद अहमद ने ही उमेश पाल पर सबसे ज्यादा गोलियां बरसाई थी।
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