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Bihar: लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के खिलाफ चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई, FIR

बिहार. राजद (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े पुत्र और हसनपुर से विधायक तेजप्रताप यादव Tej pratap yadav की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ समस्ती पुर जिले के रोसड़ा थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। तेजप्रताप यादव पर आरोप है कि उन्होंने साल 2020 के विधानसभा चुनाव में गलत शपथ पत्र दाखिल किया […]

FIR against Tej pratap
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  • Last Updated: December 30, 2021 08:52:28 IST

बिहार. राजद (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद के बड़े पुत्र और हसनपुर से विधायक तेजप्रताप यादव Tej pratap yadav की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके खिलाफ समस्ती पुर जिले के रोसड़ा थाने में एफआइआर दर्ज की गई है। तेजप्रताप यादव पर आरोप है कि उन्होंने साल 2020 के विधानसभा चुनाव में गलत शपथ पत्र दाखिल किया और अपनी संपत्ति का गलत ब्यौरा दिया। इस मामले में चुनाव आयोग के निर्देश पर निर्वाचित अधिकारी द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है।

तेज प्रताप की विधायकी को खतरा ?

रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 125 क के तहत रोसड़ा थाने में केस संख्या 419/20 दर्ज किया गया। हसनपुर विधानसभा के निर्वाचित पदाधिकारी और एसडीओ ब्रजेश कुमार के आवेदन पर ये मामला दर्ज हुआ है। एफआईआर के अनुसार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की अधिसूचना के तहत हसनपुर विधानसभा क्षेत्र से तेजप्रताप यादव ने राजद प्रत्याधशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था। 13 अक्टूबर 2020 को उन्होंने जो शपथ पत्र दिया, उसमें अचल संपत्ति की गलत जानकारी दी गई थी।

जदयू विधायक ने की शिकायत

तेज प्रताप द्वारा गलत शपथ पत्र देने की शिकायत जदयू ने मुख्यव निर्वाचन अधिकारी से की थी। इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस शिकायत की प्रति 4 नवंबर 2020 को भारतीय निर्वाचन आयोग को भेजी थी। वहां से आगे की जांच का जिम्मा केंद्रीय प्रत्यवक्ष कर बोर्ड (CBDT) को सौंपा गया। सीबीडीटी की जांच में पता चला कि वर्ष 2015 और 2020 के चुनाव में दाखिल शपथ पत्रों के अनुसार तेजप्रताप की अचल संपत्ति में 82,40867 रुपये की वृद्धि‍ हुई, जबकि 2015-16 से 2016-20 तक इनकम टैक्से की डिटेल के हिसाब से यह 22,76220 रुपये बनती है।

EC के नोटिस का जवाब नहीं देने पर हुई कार्रवाई

तेज प्रताप की वर्तमान अचल संपत्ति चुनाव में दाखिल शपथ पत्र में बताई गई परिसंपत्तियों की जानकारी से मेल नहीं खाती। ऐसे में सीबीडीटी की जांच को आधार बनाकर निर्वाचन आयोग ने आरजेडी नेता को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नोटिस के तीन सप्ताह के अंदर उनसे जवाब मांगा गया था। लेकिन जब तेजप्रताप की ओर से निर्धारित समय में जवाब नहीं दिया गया तो उनके खिलाफ ये FIR दर्ज की गई है।

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