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Biparjoy Cyclone: तबाही लाएगा बिपरजॉय! इतने नुकसान का है अनुमान

नई दिल्ली: भारतीय तट से कुछ ही समय में एक बड़ा तूफ़ान टकराने जा रहा है. ‘विपरजॉय’ को लेकर IMD ने पहले ही गंभीर चेतावनी जारी कर दी है. अनुमान जताया जा रहा है कि 15 जून की शाम ये चक्रवाती तूफ़ान जखाऊ बंदरगाह के पास स्थित सौराष्ट्र और कच्छ के तटों को पार करेगा. […]

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  • Last Updated: June 13, 2023 16:31:53 IST

नई दिल्ली: भारतीय तट से कुछ ही समय में एक बड़ा तूफ़ान टकराने जा रहा है. ‘विपरजॉय’ को लेकर IMD ने पहले ही गंभीर चेतावनी जारी कर दी है. अनुमान जताया जा रहा है कि 15 जून की शाम ये चक्रवाती तूफ़ान जखाऊ बंदरगाह के पास स्थित सौराष्ट्र और कच्छ के तटों को पार करेगा. मौसम विभाग ने ‘बिपरजॉय को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर दी है जहां भारी नुकसान की आशंका भी जताई जा रही है. इस चक्रवाती तूफ़ान से गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले के सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है.

कब दस्तक देगा बिपरजॉय?

मौसम विभाग की मानें तो भारत के तटीय क्षेत्रों तूफान के कारण 125 से 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर अधिकतम 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. सौराष्ट्र पर 15 जून की सुबह इसका व्यापक असर दिखाई देगा. अभी यानी 13 जून को ये तूफान पोरबंदर से 250 किमी दूर है।

बदल रहा है मौसम

तूफ़ान को लेकर मौसम विभाग का कहना है कि तट के पास ये चक्रवात कुछ कमज़ोर होगा लेकिन इससे काफी नुकसान भी होगा. मंगलवार को सौराष्ट्र के तट पोरबंदर, देवभूमि द्वारका में तेज हवाएं देखी जा रही हैं. चक्रवात के प्रवेश करने से दो दिन पहले यहां हवा की रफ़्तार 50 से 70 किलोमीटर तक होने की आशंका है. इसी कड़ी में 14 जून को यानी कल इन हवाओं की रफ़्तार 85 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. वहीं कच्छ, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़ और मोरबी में 15 जून को इन हवाओं की रफ़्तार 125 से 145 किमी तक पहुंच सकती है.

 

इतना हो सकता है नुकसान

इस चक्रवात का सबसे ज़्यादा प्रभाव पेड़ आदि पर पड़ेगा. जहां से ये चक्रवाती तूफ़ान होकर गुज़रेगा वहां पर कई पेड़ों को क्षति पहुंचेगी. – हवाओं का इंपैक्ट इतना ज्यादा होगा कि पेड़ गिर सकते हैं। तूफ़ान में कई इलाकों से सामान बह सकते हैं जिसमें पक्के घरों को भी भारी नुकसान पहुंचने की आशंका है. टीन शेड गिरने से भी स्थानीय लोगों को समस्या होगी. जहां सॉल्ट स्प्रे और तटों को भी क्षति पहुंच सकती है. कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, जूनागढ़ में भारी बरसात होने की संभावना जताई जा रही है. कल से बारिश बढ़ने की भी आशंका जताई जा रही है अगर ऐसा होता है तो कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा. गौरतलब है कि देश में इस समय बारिश का मौसम नहीं है इसलिए ऐसे में इस तूफ़ान से कई इलाकों में बढ़ आ सकती है.