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साइक्लोन बिपरजॉय: कितनी तबाही मचा सकती है 100 या 150 KM स्पीड वाली हवा?

नई दिल्ली: आज चक्रवाती तूफ़ान बिपरजॉय गुजरात पहुंचेगा. मौसम विभाग की मानें तो तब हवा की गति 150 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी. इस बीच एक सवाल ये भी है कि आखिर इतनी तेज हवा से कितना नुकसान हो सकता है. आपको इतना तो ज्ञात होगा कि इस स्पीड से चलने वाली गाड़ियां जब टकराती हैं […]

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  • Last Updated: June 15, 2023 16:17:12 IST

नई दिल्ली: आज चक्रवाती तूफ़ान बिपरजॉय गुजरात पहुंचेगा. मौसम विभाग की मानें तो तब हवा की गति 150 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाएगी. इस बीच एक सवाल ये भी है कि आखिर इतनी तेज हवा से कितना नुकसान हो सकता है. आपको इतना तो ज्ञात होगा कि इस स्पीड से चलने वाली गाड़ियां जब टकराती हैं तो इंसान बचता नहीं है तो ज़रा सोचिए हवा की इतनी गति में क्या-क्या होगा.

 

हवा की गति बताती है तूफानों की ताकत

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो चक्रवाती तूफान की वजह से चलने वाली हवाएं 31 किलोमीटर प्रतिघंटा या उससे कम होती हैं तो ये लो प्रेशर साइक्लोन कहलाता है. जब हवा बढ़कर 31 से 49 किलोमीटर प्रतिघंटा पहुंच जाती है तो इसे डिप्रेशन कहा जाता है. जब ये स्पीड 49 से 61 के बीच हो तो इसे डीप डिप्रेशन और 61 से 88 पर साइक्लोनिक स्टॉर्म कहा जाता है. इसके अलावा 88 से 117 की गति पर इसे सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म कहा जाता है. लेकिन जब हवा की गति 121 किलोमीटर प्रतिघंटा हो जाए तो इसे सुपर साइक्लोन का दर्ज़ा दिया जाता है. गुजरात में प्रवेश करने वाला बिपरजॉय भी सुपर साइक्लोन ही है.

साइक्लोन की अलग कैटेगरी

सुपर साइक्लोन की भी कैटेगरी हैं जहां 120 से 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की हवाओं को 01 कैटेगरी का साइक्लोन कहते हैं. इसमें कम नुकसान की आशंका होती है. लेकिन 02 कैटेगरी यानी 150 से 180 की गति पर चलने वाली हवाओं में मध्यम दर्जे का नुकसान देखा जाता है. इससे भी ऊपर यानी 03 कैटेगरी जिसमें 180 से 210 की गति होती है ज़्यादा नुकसान होता है. इसके अलावा 210 से 250 की गति पर बहुत ज्यादा नुकसान और 250 से ऊपर भयानक नुकसान का दर्ज़ा दिया गया है.

इतना होगा नुकसान

गुजरात में प्रवेश करने वाले साइक्लोन की बात करें तो इसकी गति 117 KM/घंटा से अधिक होने की आशंका है. इससे भारी तबाही मच सकती है जहां नदियों, झीलों और समुद्र में तेज-ऊंची लहरें उठेंगी खिड़कियां दरवाजे टूट जाएंगी और छोटे जानवर उड़ सकते हैं. इस दौरान पेड़ आदि गिरने से भी भारी नुकसान हो सकता है.

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