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जानिए, क्या है नेशनल हेराल्ड मामला, कब हुआ खुलासा, कितने है आरोपी

नेशनल हेराल्ड मामला: नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस वक्त प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में है। ईडी कांग्रेस नेता से नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ कर रही है। राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी को लेकर इस वक्त देश की राजधानी दिल्ली में सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। कांग्रेस के सभी […]

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  • Last Updated: June 13, 2022 13:08:29 IST

नेशनल हेराल्ड मामला:

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस वक्त प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में है। ईडी कांग्रेस नेता से नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ कर रही है। राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी को लेकर इस वक्त देश की राजधानी दिल्ली में सियासी तापमान बढ़ा हुआ है। कांग्रेस के सभी बड़े नेता दिल्ली में डेरा जमाए हुए है। सैकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रहे है।

राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय के शिकंजे में जकड़ने वाला नेशनल हेराल्ड मामला क्या है? आइए जानते है…

नेशनल हेराल्ड मामला

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु समेत कई कांग्रेस नेताओं ने 1938 में Associate Journal Limited नाम से एक कम्पनी बनाई थी। ये कंपनी National Herald नाम से एक अखबार प्रकाशित करती थी। चूंकि ये नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती थी। इसी वजह से देश के कई शहरों में से बेहद सस्ते दामों पर सरकारों से जमीनें मिली। सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने एक ऐसी कम्पनी बनाई, जिसका मकसद सिर्फ कारोबार करना नहीं था। वो इस कम्पनी के जरिए AJL को खरीदकर 2 हज़ार करोड़ रुपये की उसकी सम्पत्ति को अपने नाम पर करना चाहते थे। वर्ष 2011 में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कम्पनी यंग इंडिया लिमिटेड ने AJL को टेकओवर कर लिया।

कब हुआ खुलासा

बता दें कि 2012 में बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है। स्वामी ने कहा था कि ये सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के मकसद से किया गया था।

निराधार है आरोप- चिदंबरम

गौरतलब है कि देश के पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मनी लाड्रिंग मामले में राहुल गांधी को भेजा गया ईडी का समन पूरी तरह निराधार’ है और ऐसा लगता है कि भाजपा द्वारा शासित राज्य जांच एजेंसी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं।

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