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Nagaland first paperless assembly: नागालैंड विधानसभा बनी पेपरलेस, E-Vidhan सिस्टम हुआ लागू

Nagaland first paperless assembly नई दिल्ली,  Nagaland first paperless assembly नागालैंड ने पूरे देश में इतिहास रच दिया है। राज्य विधानसभा पूरे तरीके से पेपरलेस हो चुकी है। शानिवार को विधानसभा में पूरी तरह से पेपरलेस होने के लिए राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) कार्यक्रम को लागू किया गया. विधानसभा सचिवालय में चल रहे बजट सत्र […]

Nagaland first paperless assembly
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  • Last Updated: March 20, 2022 09:38:55 IST

Nagaland first paperless assembly

नई दिल्ली,  Nagaland first paperless assembly नागालैंड ने पूरे देश में इतिहास रच दिया है। राज्य विधानसभा पूरे तरीके से पेपरलेस हो चुकी है। शानिवार को विधानसभा में पूरी तरह से पेपरलेस होने के लिए राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) कार्यक्रम को लागू किया गया. विधानसभा सचिवालय में चल रहे बजट सत्र के बीच 60 सदस्यों की विधानसभा में प्रत्येक टेबल पर एक टैबलेट या ई-बुक संलग्न की है.

केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ट्वीट कर बताया कि राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) को लागू करने वाली नागालैंड भारत की पहली विधानसभा बन गई है. उन्होंने बताया कि अब सभी सदस्य सदन की कोई भी कार्यवाही के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग कर सकते है।

क्या हैं नेवा?

एनआईसी क्लाउड, मेघराज पर तैनात एक कार्य-प्रवाह प्रणाली है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से सदन के अध्य्क्ष कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने और सदन के लेजिसलेटिव कार्य को पेपरलेस तरीके से संचालित करने में सक्षम होते है।

NeVA एक डिवाइस न्यूट्रल और सदस्य-केंद्रित एप्लिकेशन है जिसे सदस्य संपर्क विवरण, प्रक्रिया के नियम, व्यवसाय की सूची, नोटिस, बुलेटिन, बिल, तारांकित / अतारांकित प्रश्न और उत्तर के बारे में पूरी जानकारी डालकर उन्हें विविध हाउस बिजनेस को स्मार्ट तरीके से संभालने के लिए तैयार किया गया है. उनके हैंडहेल्ड डिवाइस/टैबलेट में रखे गए कागजात, समिति की रिपोर्ट आदि और इसे कुशलता से संभालने के लिए सभी विधायिकाओं/विभागों को जोड़ा गया है.

सभी विधानसभाओ को एक मंच पर लाना है उद्देश्य

नेवा का एकमात्र उद्देश्य सदन की कार्यवाही को सरल करना और सभी विधानसभाओं को एक मंच पर लाना है। पेपरलेस असेंबली एक अवधारणा है जिसमें सदन के कार्य को आसानी से करने के लिए टेक्नोलॉजी शामिल है। यह टेक्नोलॉजी कानून बनाने की प्रक्रिया के स्वचालन, निर्णयों और दस्तावेजों की ट्रैकिंग, सूचनाओं के आदान-प्रदान को सक्षम बनाता है. राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) को लागू करने का खर्च केंद्र और राज्य सरकार के बीच 90:10 रेश्यो के आधार पर किया जाता है। बता दें नागालैंड से पहले हिमाचल विधानसभा पूर्ण रूप से पेपरलेस हो चुकी थी, लेकिन वहां नेवा का इस्तेमाल नही किया जा रहा है। प्रदेश में साल 2014 से ही विधानसभा के सभी काम डिजिटल तरीके से किया जा रहा है। दिल्ली में भी उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार से विधानसभा पेपरलेस हो जाएगी।

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