पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आतंकियों और उसके आका पाकिस्तान को लेकर भयंकर आक्रोश था. पीएम मोदी ने सार्वजनिक रूप से ऐलान किया था कि हमले को अंजाम देने वाले और उसे दिलाने वाले को सजा जरूर मिलेगी. तभी से देश इंतजार कर रहा था कि पाकिस्तान को कब सजा दी जाएगी.

15 दिन बाद लिया सिंदूर उजाड़ने का बदला

हमले के 15 दिन बाद 7 मई यानी बुधवार की रात वो समय आया जब भारत की तीनों सेनाओं ने मिलकर महज 23 मिनट में ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया. इसके पहले साल 2019 में 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद 25/26 फरवरी को ऑपरेशन बंदर को अंजाम दिया गया थो जो महज 21 मिनट चला था और पाकिस्तान को भारतीय सेना ने औकात बता दी थी. दोनों ऑपरेशन में सबसे बड़ा अंतर यह है कि 2019 में सीमा पार करके आतंकी ठिकानों को टारगेट किया गया था लेकिन इस बार सीमा के अंदर से 9 ठिकानों को टारगेट किया गया है.
23 मिनट में कर दिया ऑपेशन सिंदूर

ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने के 9 घंटे बाद भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस के सामने ऑपरेशन सिंदूर की पूरी कहानी बताई है. ”इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 9 आतंकी ठिकाने को निशाना बनाया गया है, जहां से भारत पर आतंकी हमलों की योजना बनाई गई थी और उन्हें अंजाम दिया गया था.”ऑपरेशन सिंदूर के लिए जिन लक्ष्यों को चुना उनमें से चार पाकिस्तान में और पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हैं. इस पूरे ऑपरेशन को महज 23 मिनट में अंजाम दिया गया. सूत्रों के मुताबिक, मुरिदके स्थित मरकज तैयबा पर की गई एयर स्ट्राइक में लश्कर-ए-तैयबा का हाफिज अब्दुल मलिक मारा गया है.

ऑपरेशन सिंदूर में कब क्या हुआ

रात 1:05 -1:30 बजे  पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक
रात 1.51 बजे भारतीय सेना ने ट्वीट कर हमले की जानकारी दी
सुबह 3 बजे भारतीय सेना ने बयान दिया
सुबह 3.10 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की प्रतिक्रिया
सुबह 3.15 बजे  डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री से बात की


वो नौ ठिकाने जिसमें बसती है आतंकियों की आत्मा

भारत ने आतंकियों के जिन 9 ठिकानों पर हमले किये हैं उसमें 90 आतंकियों के मारे जाने की खबर है. 9 में से 4 ठिकाने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत बहावलपुर, मुरीदके और सियालकोट में है जबकि शेष पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में. भारतीय वायुसेना ने जिन ठिकानों को नेस्तनाबूद किया है इनमें जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर का मरकज सुभान अल्लाह, तेहरा कलां का सरजल, कोटली का मरकज अब्बास और मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप शामिल हैं.

इस अभियान में लश्कर-ए-तैयबा के जिन केंद्रों को निशाना बनाया गया, उनमें मुजफ्फराबाद का शवावाई नाला कैंप, मुरिदके का मरकज तैयबा व बरनाला का मरकज अहले-हदीस शामिल हैं. सियालकोट में मेहमूना जोया और कोटली में मक्का राहील शाहिद को निशाना बनाया गया. यहां पर हिजबुल मुजाहिदीन के शिविर और प्रशिक्षण केंद्र मौजूद हैं.

क्या था ऑपरेशन बंदर

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ के एक काफिले पर आतंकी हमले के बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था. 78 बसों में 2500 जवान जा रहे थे, पुलवामा के पास एक कार काफिले में घुस आई और एक बस को टक्कर मार दी थी. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले का बदला लेने के भारत ने बालाकोट समेत कई जगहों पर एयर स्ट्राइक किया था. बालाकोट पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मनशेरा जिले में स्थित है.

यह LOC से करीब 50 किलोमीटर और इस्लामाबाद से 160 किलोमीटर की दूरी पर है. वहां पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर का करीबी यूसुफ अजहर रहता था. भारत ने 25-26 फरवरी की रात हवाई हमला किया था जिसे महज 21 मिनट में अंजाम दिया गया था. इसके लिए मध्य प्रदेश के ग्वालियर एयरबेस से 20 मिराज-2000 विमानों ने उड़ान भरी थी.

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