जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हिन्दू पर्यटकों के नरसंहार की घटना से भारतवासियों का खून खौल रहा है. भारत ने इस घटना के बाद सख्त रुख अख्तियार कर रखा है. पाकिस्तान के होश ठिकाने लगाने के लिए कई कड़े फैसले किये हैं जिसकी वजह से पड़ोसी मुल्क में हाहाकार मचा है. भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ताबड़तोड़ एक्शन लेते हुए सिंधु जल संधि को संस्पेंड कर सेना को जवाबी कार्रवाई की खुली छूट दे दी है.
इस बीच, पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की अध्यक्षता में एक विशेष कॉर्प्स कमांडर्स कॉन्फ्रेंस हुई, जिसमें भारत के खिलाफ तीखे बयान दिये गये लेकिन जनरल मुनीर समेत सभी अधिकारियों के चेहरों की रंगत उड़ी हुई है. लंबे टेबल पर भूरी फाइल रखी है और माहौल बोझिल व तनावपूर्ण दिख रहा है.तस्वीर में कॉन्फ्रेंस रूम में एक लंबी मेज के दोनों तरफ सैन्य वर्दी में अफसर बैठकर मंत्रणा कर रहे हैं. टेबल पर भूरी डायरी, कुछ कागज, और लैपटॉप रखे हैं. कमरे में पाकिस्तानी झंडा और सेना का प्रतीक चिन्ह दिख रहा है. लेकिन सैन्य अफसरों के चेहरों पर तनाव साफ झलक रहा है. इससे साफ पता चल रहा है कि भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पाकिस्तानी सेना डरी हुई है.
पाकिस्तान आर्मी चीफ असीम मुनीर की सैन्य अफसरों के साथ हुई बैठक की तस्वीर ISPR ने जारी की है. इसमें जनरल असीम मुनीर और दूसरे सैन्य अधिकारियों के चेहरों पर गहरी चिंता की लकीरें साफ दिख रही है. उनके सामने रखी भूरी डायरी और कागजात इस बात के संकेत दे रहे हैं कि भारत की कार्रवाई ने पाकिस्तानी सेना की नींदे उड़ा दी है. रावलपिंडी में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में जनरल असीम मुनीर ने सैन्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सेना अपने लोगों के साथ एकजुट है और मातृभूमि की रक्षा करेगी. इस दौरान उन्होंने भारत पर कई आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि भारत की ओर से जानबूझकर अस्थिरता फैलाने की कोशिशें नाकाम होंगी.
जनरल मुनीर ने भारत पर पानी को हथियार बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बेहद खतरनाक है. इससे पाकिस्तान की 24 करोड़ की आबादी प्रभावित होगी, और दक्षिण एशिया में अस्थिरता बढ़ जाएगी. इसका मतलब एकदम साफ कि भारत का तीर निशाने पर लगा है. सिंधु जल संधि निलंबन के फैसले के बाद मुनीर का यह बयान पाकिस्तान की स्थिति बयां करने के लिए काफी है. भारत के इस कदम से पड़ोसी मुल्क की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर डाला है. पाकिस्तान ने इसे सीधे तौर पर युद्ध बताया.
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