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Ram Mandir: रोज 18 घंटे काम कर सात माह में बनी रामलला की प्रतिमा, जानें इसकी नौ विशेषताएं

नई दिल्ली: रामलला आयोध्या के प्रांगण में कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. बता दें कि अरुण ने रामलला की अचल प्रतिमा को गढ़ने के लिए लगभग सात महीने तक प्रतिदिन 18 घंटे काम किया, और वो हर दिन काम शुरू करने से पहले रामजी की आरती व पूजा करते […]

प्रसिद्ध मूर्तिकार
inkhbar News
  • Last Updated: January 16, 2024 09:02:11 IST

नई दिल्ली: रामलला आयोध्या के प्रांगण में कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. बता दें कि अरुण ने रामलला की अचल प्रतिमा को गढ़ने के लिए लगभग सात महीने तक प्रतिदिन 18 घंटे काम किया, और वो हर दिन काम शुरू करने से पहले रामजी की आरती व पूजा करते थे और हनुमान चालीसा का पाठ करते थे. 15-15 दिनों तक अपने परिवार से बात नहीं करते थे, और सात महीने की कड़ी मेहनत ने अरुण योगीराज की प्रसिद्धि दुनिया भर में बढ़ा दी है. बता दें कि अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले हैं, और उनके परिवार में कई मूर्तिकार है. दरअसल उनकी 5 पीढ़ियां मूर्तियाँ बनाती और तराशती चली आ रही है.

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बता दें कि अरुण योगीराज के दादा बसवन्ना शिल्पी भी एक प्रसिद्ध मूर्तिकार थे, और उन्हें मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था. साथ ही अरुण को बचपन से ही मूर्तियां बनाना पसंद था, और अरुण ने एमबीए पूरा किया, फिर इसके बाद वो एक निजी कंपनी में काम करने लगे, लेकिन मूर्तिकला को नहीं भूल सके. दरअसल 2008 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और मूर्तिकला में अपना करियर बनाया, फिर उनका जोखिम सफल रहा, और वो देश के प्रसिद्ध मूर्तिकार बन गए.

जानें चयनित मूर्तियों की 9 विशेषता

1. श्याम शिला की आयु हजारों साल होती है, ये जल रोधी होती है.
2. चंदन, रोली आदि लगाने से मूर्ति की चमक पर प्रभाव नहीं पड़ेगा.
3. पैर की अंगुली से ललाट तक रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच की है.
4. चयनित मूर्ति का कुल वजन करीब 150 से 200 किलो का है.
5. मूर्ति के ऊपर मुकुट और आभामंडल होगा.
6. भगवान श्रीराम की भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं.
7. मस्तक सुंदर, आंखे बड़ी और ललाट बेहद भव्य है.
8. कमल दल पर खड़ी मुद्रा में मूर्ति, हाथ में तीर और धनुष होगा.
9. मूर्ति में 5 साल के बच्चे की बाल सुलभ कोमलता झलकेगी .

पहले ये मूर्तियां बना चुके है

1. केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा
2. मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस की प्रतिमा
3. मैसूर के राजा की 14़ 5 फीट ऊंची सफेद अमृत शिला की प्रतिमा
4. मैसूर के चुंचनकट्टे में हनुमान जी की 21 फीट ऊंची प्रतिमा
5. संविधान निर्माता डॉ़ बीआर आंबेडकर की 15 फीट ऊंची प्रतिमा

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