जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में एक नाम के दो किरदार हैं, एक रक्षक बनकर लोगों के दिलों में उतर गया है तो दूसरा भक्षक बना जिससे लोग नफरत कर रहे हैं. यहां तक कि उसकी मां भी कह रही है कि उसका बेटा आदिल जिंदा है तो उसे गोली मार दो. दोनों ही अनंतनाग जिले के रहने वाले हैं और दोनों की रिहायश में चंद किलोमीटर का फासला है. एक आदिल वह है जिसने पर्यटकों की जान बचाने की खातिर खुद की जान दे दी. हर कोई कश्मीरियत को बचाने की उसकी कोशिश पर फख्र कर रहा है. दूसरा आदिल वह नरभक्षी है जिसके सिर पर निर्दोष टूरिस्ट्स पर गोलियां दागने और बैसरन घाटी में खून बहाने का इल्जाम है.
22 अप्रैल की दोपहर में ‘मिनी स्विटरलैंड’ कहे जाने वाले पहलगाम की जिस बैसरन वैली में यह लोमहर्षक घटना हुई उससे ठीक 30 किलोमीटर दूर हापतनार गांव में रहने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह टट्टूओं पर बैठाकर पर्यटकों को ऊपर की तरफ ले गया था. घोड़ों पर बैठकार टूरिस्ट को घुमाने वाले 26 साल के आदिल की छवि एक रक्षक और हीरो की है. जब उसने देखा कि जिन टूरिस्ट को वह घोड़े पर बिठाकर लाया है और आतंकी उसे मार रहे हैं तो वह अपनी जान की परवाह न करते हुए बीच में आ गया था.
ञबताते है कि उसने आतंकियों के हाथ से रायफल छीनने की कोशिश की थी. इसी दौरान आतंकियों ने गोली मारकर उसकी जान ले ली. स्थानीय टट्टू संचालक आदिल हुसैन शाह को जाबांज नौजवान के रूप में याद किया जा रहा है. सैयद आदिल हुसैन शाह को बुधवार को हमले की जगह से लगभग 20 किमी दूर हापतनार गांव में दफनाया गया। आदिल पहलगाम हमले में मारे गए लोगों में इकलौता मुस्लिम है.
अनंतनाग के बिजभेरा का रहने वाला दूसरा आदिल विलेन बनकर उभरा है, ये वो शख्स है जिसके बारे में माना जा रहा है कि स्थानीय होने के नाते इस हमले में अहम भूमिका निभाई. पाकिस्तान से आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से ट्रेनिंग लेकर लौटे आदिल ने कोहराम मचाया. एजेंसियां उसे मास्टरमाइंड मान रही है. इस घटना के बाद उसके घर को ढहा दिया गया है. यह भी सामने आया है कि आदिल हुसैन ठाेकर 2018 में अटारी-वाघा सीमा से कानूनी रूप से पाकिस्तान गया था.
गुरुवार की शाम को सुरक्षाबल के जवान उसकी मां शहजादा बानो के पास पहुंचे, उसकी कुछ तस्वीरें दिखाईं. इस पर उसकी मां ने कहा कि अगर वह जिंदा और वह हमले में शामिल है तो उसे गोली मार दो. साथ में यह भी बताया कि उसकी वजह से हमें दिक्क्त हो रही है. 2018 से उससे कोई संपर्क नहीं है.
पहलगाम अटैक के बाद एनआईए ने जिन तीन आतंकियों के स्क्रेच जारी किये हैं उनमें लश्कर ए तैयबा के आतंकी आदिल हुसैन ठोकर, अली भाई और हाशिम मूसा के नाम शामिल है. इनकी गिरफ्तारी में मदद करने वाले को 20-20 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की गई है. इन तीनों पर हमले की साजिश रचने का संदेह है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आदिल शाह के जनाजे में शिरकत की और कहा कि हमने सुना है कि एक आतंकवादी की राइफल छीनने की कोशिश करने के बाद उसे निशाना बनाया गया. मैं परिवार को आश्वस्त करने आया हूं कि सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी और हर संभव तरीके से मदद करेगी.
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