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मोरबी में मातम: क्षमता 100 लोगों की, जमा हो गए 500, इसी वजह से हुआ हादसा

मोरबी में मातम: गांधीनगर। गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस हादसे में अभी तक 141 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। 177 लोगों को बचा लिया गया है, बताया जा रहा है कि अभी मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता […]

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  • Last Updated: October 31, 2022 08:26:59 IST

मोरबी में मातम:

गांधीनगर। गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इस हादसे में अभी तक 141 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। 177 लोगों को बचा लिया गया है, बताया जा रहा है कि अभी मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है।

क्यों टूटा मोरबी का पुल?

मोरबी नगर निगम के अधिकारियों ने बताया है कि पुल की क्षमता 100 लोगों की है, लेकिन रविवार की छुट्टी की वजह वहां पर ज्यादा भीड़ इकट्ठा हो गई थी। हादसे के वक्त पुल पर करीब 400 से 500 जमा थे और यही पुल टूटने की वजह बना। बताया जा रहा है कि पुल टूटने पर जहां लोग गिरे वहां पर 15 फीट तक पानी थी।

मदद की घोषणा की गई

बता दें कि मोरबी पुल हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को दो लाख और घायलों को 50 हजार रूपये की मदद देने का ऐलान किया है। वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मृतकों के अश्रितों को 4 लाख और घायलों को 50 हजार रूपये देने की घोषणा की है।

143 साल पुराना था पुल

गौरतलब है कि मोरबी का यह ऐतिहासिक केबल पुल 143 साल पुराना है। इसकी लंबाई 765 फीट है। इस पुल का उद्धाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई (पहले बंबई) के गर्वनर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। उस समय इसकी लागत 3.5 लाख रूपये आई थी। बताया जाता है कि पुल बनाने का सारा सामान इंग्लैंड से मंगाया गया था। दिवाली से पहले इस पुल की 2 करोड़ रूपये में मरम्मत की गई थी।

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