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मोदी-शाह को मिली चुनौती, बीजेपी की शख्स ने खड़ी कर दी खाट, देश में मच सकता है हाहाकार!

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को अंबेडकर के संविधान को बदलने की धमकी देता नजर आ रहा है. इस वीडियो में एक शख्स प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को खुलेआम चुनौती देते हुए कहता है, ''25 करोड़ की आबादी है, मोदी जी और अमित शाह जी की बात सुन लीजिए, अगर आपके कान बहरे हो गए हैं तो अपने कानों से मैल निकालकर खोल लीजिए.

Modi-Shah got a challenge, BJP person raised the cot, there can be an outcry in the country!
inkhbar News
  • Last Updated: November 17, 2024 20:21:45 IST

लखनऊ: देश में चुनावी माहौल गर्म है और इस वक्त राजनीतिक बयानबाजी चरम पर है. हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक शख्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को अंबेडकर के संविधान को बदलने की धमकी देता नजर आ रहा है. इस वीडियो में कथित सपा नेता के शब्दों में एक खतरनाक संदेश है, जो न केवल देश की संवैधानिक स्थिरता पर सवाल उठाता है, बल्कि इस बयान के गहरे राजनीतिक और सामाजिक निहितार्थ भी हैं।

 

25 करोड़ की आबादी

 

इस वीडियो में एक शख्स प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह को खुलेआम चुनौती देते हुए कहता है, ”25 करोड़ की आबादी है, मोदी जी और अमित शाह जी की बात सुन लीजिए, अगर आपके कान बहरे हो गए हैं तो अपने कानों से मैल निकालकर खोल लीजिए. तुम्हारे कान। वे 5 लाख थे, अब 5 करोड़ की आबादी बलिदान देगी, ऐसा बलिदान होगा कि भारत का संविधान पलट जाएगा। एक नया इतिहास लिखा जाएगा.

 

 

वायरल हो रहा

 

साथ ही इस शख्स के पीछे खड़े लोग खुशी से तालियां बजाते नजर आ रहे हैं. जो इस बयान का समर्थन कर रहे हैं, यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे खतरनाक बयान मानते हुए इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. हालांकि इस वीडियो में दिख रहे शख्स का नाम अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन दावा किया जा रहा है कि ये शख्स समाजवादी पार्टी (सपा) का नेता है. अगर ये सच है तो ये बयान एक बार फिर सपा की राजनीति में बढ़ते विवादों और बयानबाजी की ओर इशारा करता है. इस बयान का मकसद भले ही साफ तौर पर सत्ता में बैठे नेताओं को चुनौती देना और उन्हें अपनी ताकत का एहसास कराना हो, लेकिन इसका संदेश समाज में गहरी चिंता पैदा कर रहा है.

 

खतरे की घंटी है

 

सपा जैसी पार्टी के नेता द्वारा संविधान के प्रावधानों और भारतीय लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों को चुनौती देना न केवल लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरे की घंटी है, बल्कि यह देश में सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को भी प्रभावित कर सकता है। अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का पालन भारतीय राजनीति की नींव है और ऐसे बयानों से संवैधानिक आदर्शों को ठेस पहुंचने का खतरा है। वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “क्या मुसलमान अंबेडकर के संविधान को पलट देंगे? इस ‘सपा नेता’ को ऐसा बताया जा रहा है? यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है…देश को इस खतरनाक सोच को समझना होगा।

 

मुद्दा गंभीर है

 

यह टिप्पणी इस बयान की गंभीरता को रेखांकित करती है और देश भर के नागरिकों के बीच गहरी चर्चा का विषय बन गयी है. इस वीडियो के जरिए उठाया गया मुद्दा गंभीर है और यह बताता है कि चुनावी राजनीति में अतिवादी बयानबाजी किस हद तक पहुंच सकती है. राजनीतिक दलों को इस तरह की बयानबाजी से बचने की जरूरत है, क्योंकि इससे न सिर्फ समाज में अशांति फैलने का खतरा है, बल्कि यह देश की राजनीतिक व्यवस्था और संविधान को भी कमजोर कर सकता है। इस मामले को लेकर विपक्ष को भी अपनी सीमाएं तय करनी चाहिए, ताकि समाज में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और भाईचारे को कोई नुकसान न हो.

 

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