A view of the sea

ईरान करेगा भारतीयों की जेब खाली,पूरा मामला जान उड़ जाएंगे आपके होश

ईरान और इजरायल युद्ध में दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के उतरने के बाद से हालात बद से बदतर हो गए हैं।

दोनों देश लगातार एक दूसरे पर हवाई हमले कर रहे हैं। इस बीच ईरान के एक फैसले ने पूरी दुनिया में हंगामा मचा दिया है।

आपको बता दें कि ईरानी संसद ने कच्चे तेल के व्यापार से जुड़े मुख्य समुद्री मार्ग होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने का फैसला किया है।

लेकिन इस पर अभी अंतिम फैसला आना बाकी है, जिसके बाद आज कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया है।

देश में दही तेल इस समय करीब 2 फीसदी की तेजी के साथ 6,525.00 रुपये प्रति बैरल पर चल रहा है। पिछले दिन से करीब 120 रुपये प्रति बैरल की तेजी आई है।

अगर खामेनेई इस फैसले को मंजूरी देते हैं तो कच्चे तेल का क्या होगा। इसका भारत पर क्या असर होगा। आइए जानते हैं।

आईसीआरए के मुताबिक भारत इराक, सऊदी अरब, कुवैत और यूएई जैसे देशों से 45-50 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कच्चे तेल की कीमत में 10 डॉलर प्रति बैरल की बढ़ोतरी होती है, तो भारत का तेल आयात बिल सालाना 13-14 अरब डॉलर बढ़ सकता है।

इससे देश का चालू खाता घाटा (सीएडी) भी जीडीपी के 0.3% तक बढ़ जाएगा।

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