मटका यानी मिट्टी का घड़ा सबसे बेहतरीन ऑप्शन बन जाता है. मटके का पानी न सिर्फ स्वाद में बेहतर होता है, बल्कि पेट को ठंडक देता है और पाचन क्रिया को भी सुधारता है.
लेकिन अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि मटके का पानी पहले जैसा ठंडा नहीं रहता या पानी जल्दी गुनगुना हो जाता है, ऐसे में जरूरी है कि पुराने देसी उपायों को फिर से अपनाएं.
मटका यानी मिट्टी का घड़ा का सही इस्तेमाल तभी होता है, जब आप उसे इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से 'सीजन' करें.
नया मटका खरीदने के बाद उसमें तुरंत पानी न डालें पहले उसे अंदर-बाहर से साफ पानी से धो लें.
मटके में साफ पानी भरें और 24 घंटे तक ऐसे ही छोड़ दें ,इससे मिट्टी की गंध और जो भी बारीक कण होंगे, वे बाहर निकलते हैं.
24 घंटे के बाद पानी को फेंक दें और मटका अच्छी तरह सूखा लें। इसके बाद, फिटकरी या नीम के पत्तों से उसे हल्का-सा अंदर से पोंछ लें। इस तरह से मटका नेचुरल तरीके से सैनिटाइज हो जाता है.
हर महीने मटके का पानी को खाली करके 30-40 मिनट धूप में रखें। यह मटके में फंगस बनने से रोकता है.