Aug 21, 2024
Neha Singh
15 अगस्त 1947 को भारत के टुकड़े होने के साथ हमें आजादी मिली।
आजादी की कीमत लाखों हिंदुओं को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
बंटवारे की रेखा खींचने के बाद पाकिस्तान में एलान कर दिया गया कि या तो कलमा पढ़ो या फिर पाकिस्तान छोड़कर चले जाओ।
हिंदुओं का कत्लेआम शुरू हुआ। हिंदुओं को काटकर ट्रेनों में भरकर भारत भेजा जाने लगा।
बहू-बेटियों की आबरू लूटी गई। अपनी इज्जत बचाने के लिए कई वीर बच्चियां और महिलाएं कुएं में कूद गईं।
कुछ माता-पिता ने खुद ही अपनी बेटियों को जहर देकर मौत की नींद सुला दिया।
आपको बता दें विभाजन के दौरान हुई हिंसा में करीब 10 लाख हिंदू मारे गए।
और करीब 1.46 करोड़ शरणार्थी अपने घरों से विस्थापित हुए।
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