Jun 25, 2025
Akriti Pandey
एक ऐसी तवायफ जिसको कहते थे छप्पन छुरी, जो हमेशा घूंघट में गाती थी गाना
तवाइफ़ भारत में मुगलों के समय में नृत्य, गीत और मुजरा का प्रदर्शन करता था। अमीर और उत्साही लोग अपने शौक को पूरा करने के लिए तवाइफ्स जाते थे।
इतिहास में कई तवाफे हुए हैं। आज, हम आपको एक ऐसे तवाइफ के बारे में बताने जा रहे है, जो हमेशा ही पर्दे में रहती थी।
कोठे पर गाना गाते समय यह तवायफ घूंघट में ही रहती थी. बता दे कि,ये इलाहबाद की तवायफ थी जिसका नाम जानकी बाई था।
एक बार, रेवा का राजा जानकी बाई की आवाज के बारे में पागल हो गया और जानकी बाई को अपना चेहरा दिखाने के लिए कहा। लेकिन उसने मना कर दिया।
दरअसल, जनाकी बाई एक प्रेमी था जिसने उसे हासिल करने की कोशिश की। लेकिन ऐसा नहीं करने पर नाराज, जानकी बाई ने चाकू से 56 बार बाई के चेहरे पर हमला किया।
इसके कारण, जनकी बाई को छप्पन छुरी के नाम से भी जाना जाता था। इस दुर्घटना के बाद जनकी बाई का चेहरा बिगड़ गया।
इसके कारण, जनकी बाई ने हमेशा घूंघट के पीछे रहकर गीत गाने का फैसला किया। बाद में, जनकी बाई ने यह भी बट्रीवा के राजा को बताया। Image credit-Meta AI
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