A view of the sea

चंद्रग्रहण के दौरान मंदिर बंद करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है.

इसके पीछे कई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण बताए जाते हैं.

हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण को अशुभ समय माना जाता है. ग्रहण के दौरान राहु-केतु ग्रहों का प्रभाव सबसे अधिक बढ़ जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा फैलती है.

चंद्रग्रहण के दौरान देवताओं की शक्तियों में कमी हो जाती है, इसलिए इस समय पूजा-पाठ करना वर्जित माना जाता है.

ग्रहण से पहले सूतक काल लगता है. इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और पूजा-पाठ नहीं किया जाता है.

ग्रहण एक प्राकृतिक घटना है. जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में आ जाते हैं तो चंद्रमा पृथ्वी की छाया में आ जाता है और चंद्रग्रहण होता है.

प्राचीन समय में ऋषियों का मानना था कि ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा फैलती है

मंदिरों को नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं के मंदिर बंद कर दिए जाते हैं और पूजा पर रोक लगा दी जाती है.

Read More