नई दिल्ली। कर्ज के बोझ तले डूबे पाकिस्तान को बार-बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी उठाना पड़ रहा है। बताया जा रहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित पाकिस्तानी दूतावास ने कई महीनों से अपने बिजली बिल नहीं चुकाया है। इसके बाद अब अफगानिस्तान की बिजली बोर्ड ने सख्त चेतावनी देते हुए जल्द ही बिल चुकाने के लिए नोटिस भेजा है। हालत ये बन गए हैं कि पाकिस्तानी दूतावास की बिजली कटने का डर है।
अफगानिस्तान के बिजली बोर्ड ने पाकिस्तान के काबुल स्थित दूतावास को 10 लाख 33 हजार 530 अफगानी रुपये का बिजली बिल भेजा है. भारतीय मुद्रा में यह रकम लगभग 8.5 लाख रुपये और पाकिस्तानी मुद्रा में 40 लाख रुपये से ज्यादा बनती है. कई बार नोटिस भेजने के बावजूद जब भुगतान नहीं हुआ तो बोर्ड ने अंतिम चेतावनी देते हुए कहा है कि बिल नहीं चुकाने पर दूतावास की बिजली काट दी जाएगी.
इस घटनाक्रम से पाकिस्तान दूतावास के कर्मचारी बेहद नाराज हैं। उन्होंने अपने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द इस मसले का समाधान नहीं हुआ तो वे किसी भी संकट की जिम्मेदारी नहीं लेंगे। दूतावास ने साफ कर दिया है कि अगर बिजली कटी तो न सिर्फ संचार व्यवस्था ठप हो जाएगी बल्कि पाकिस्तान से उनका संपर्क भी पूरी तरह टूट जाएगा।
इस पूरे मामले ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार की कार्यशैली और आर्थिक प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि पीएम शाहबाज ने देश को बदनाम किया है। घरेलू मोर्चे पर पाकिस्तान पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और आईएमएफ की सख्त शर्तों से परेशान है। अब उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बेइज्जती का सामना करना पड़ रहा है।
अफगानिस्तान के बिजली बोर्ड ने एक अनुरोध पत्र के साथ चेक भेजा है, जिसमें पाकिस्तान प्रशासन से अपील की गई है कि वह अफगानिस्तान के नेशनल बैंक को बकाया बिल का तुरंत भुगतान करे। अगर यह रकम समय पर नहीं चुकाई गई तो दूतावास की बिजली काट दी जाएगी। अब पाकिस्तान सरकार के सामने सवाल यह है कि क्या वह अपने दूतावास की बिजली बचा पाएगी या फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे और बेइज्जती का सामना करना पड़ेगा।