नई दिल्ली: अमेरिका ने बुधवार को अपनी नई इमिग्रेशन नीति के तहत 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को जबरन देश से निकाल दिया। ये लोग अमेरिकी एयरफोर्स के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान से अमृतसर स्थित एयरफोर्स बेस पहुंचे। इनमें से 30 लोग पंजाब, 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात से थे। अमृतसर एयरपोर्ट पर सुरक्षा अधिकारियों ने इन प्रवासियों का वैरिफिकेशन किया। इसके बाद इनकी इमिग्रेशन और कस्टम क्लियरेंस की प्रक्रिया पूरी की गई और उन्हें पंजाब पुलिस को सौंप दिया गया। करीब तीन घंटे बाद, अमेरिकी एयरफोर्स का विमान वापस लौट गया।
अमेरिका ने कुल 205 अवैध भारतीय प्रवासियों को डिपोर्ट करने के लिए चिन्हित किया है। इनमें से 186 लोगों की सूची भी जारी की गई है, हालांकि बाकी लोगों की स्थिति और डिपोर्टेशन का समय अभी स्पष्ट नहीं है। अमेरिकी इमिग्रेशन और कस्टम इन्फोर्समेंट के अनुसार, 19,000 अवैध भारतीय प्रवासी डिपोर्ट किए जाएंगे। यह कार्रवाई भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले की गई है, जो 12 फरवरी को अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं और 13 फरवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से मुलाकात करेंगे।
पंजाब के NRI मामलों के मंत्री कुलदीप धालीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, जो ट्रम्प को अपना दोस्त मानते हैं, उनको इस मुद्दे पर ट्रम्प से बातचीत करनी चाहिए। यह पहली बार है जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का उपयोग किया है। 4 फरवरी की सुबह, विमान सैन एंटोनियो, अमेरिका से रवाना हुआ था। ग्लोबमास्टर विमान पर लगभग 6 करोड़ रुपये का खर्च आया, जो एक चार्टर्ड उड़ान से लगभग छह गुना अधिक है।
इसमें कुछ परिवार और 8-10 साल के बच्चे भी शामिल थे। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के प्रवासियों को सड़क मार्ग से उनके घर भेजा जाएगा, जबकि गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को फ्लाइट से भेजा जाएगा।
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