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इजरायल से जंग के बीच खामनेई ने चुने 3 वारिस, बेटे को रखा लिस्ट से बाहर, क्या ईरान के सुप्रीम लीडर को सता रहा मौत का डर?

Ayatollah Ali Khamenei Death Threat: संभावित हत्या के खतरे को देखते हुए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई अब सीधे बात करने के बजाय किसी भरोसेमंद सहयोगी के जरिए अपने कमांडरों से संवाद करते हैं और इलेक्ट्रॉनिक संचार को निलंबित कर दिया गया है, जिससे उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो गया है। यह जानकारी […]

Ayatollah Ali Khamenei Death Threat
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  • Last Updated: June 21, 2025 21:47:25 IST

Ayatollah Ali Khamenei Death Threat: संभावित हत्या के खतरे को देखते हुए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई अब सीधे बात करने के बजाय किसी भरोसेमंद सहयोगी के जरिए अपने कमांडरों से संवाद करते हैं और इलेक्ट्रॉनिक संचार को निलंबित कर दिया गया है, जिससे उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो गया है। यह जानकारी तीन ईरानी अधिकारियों ने दी है, जो उनकी आपातकालीन युद्ध योजनाओं से परिचित हैं।

कौन हैं वो तीन मौलवी? जिनमें से कोई एक लेगा खामेनेई की गद्दी, इजरायल से जंग के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर का नाम आया सामने!

बंकर में सुरक्षित, सैन्य उत्तराधिकार की तैयारी पूरी

कहा जा रहा है कि खामेनेई सुरक्षित तरीके से एक बंकर में छिपे हुए हैं और उन्होंने कई सैन्य कमांडरों के विकल्प नियुक्त किए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अगर उनके भरोसेमंद अधिकारी युद्ध में मारे जाते हैं, तो उन्हें फौरन बदला जा सके। इन अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया कि अयातुल्ला खामेनेई ने तीन सर्वोच्च नेताओं के नाम भी तय किए हैं, जो उनकी मृत्यु की स्थिति में उनके उत्तराधिकारी बन सकते हैं।

बताया जा रहा है कि इस सूची में अलीरेजा अराफी अली असगर हेजाजी, हाशिम हुसैनी बुशहरी, अली अकबर वेलयाती के नाम शामिल हैं। इन नामों में खास बात यह है कि उनके बेटे मुजतबा खामेनेई का नाम नहीं है। पहले खामेनेई के बेटे को उनका उत्तराधिकारी माना जा रहा था। इस कदम को उनके तीन दशक लंबे शासन पर मंडरा रहे संकट का सबसे बड़ा संकेत माना जा रहा है।

इजरायली हमलों का सबसे ज्यादा असर तेहरान पर पड़ रहा है

पिछले शुक्रवार को इजरायल द्वारा किए गए हमलों के बाद से खामेनेई ने इस्लामिक रिपब्लिक की रक्षा के लिए कई असाधारण कदम उठाए हैं। हालांकि यह संघर्ष महज एक सप्ताह पुराना है, लेकिन इन इजरायली हमलों को 1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध के बाद ईरान पर सबसे बड़ा सैन्य हमला माना जा रहा है। इन हमलों का सबसे ज़्यादा असर ईरान की राजधानी तेहरान में देखने को मिला है।

अस्पताल, रिफ़ाइनरी, धार्मिक स्थल बने निशाना

सिर्फ़ कुछ ही दिनों में तेहरान में इजरायली हमलों से जो नुकसान हुआ है, उसे सद्दाम हुसैन द्वारा पूरे आठ साल के युद्ध में किए गए नुकसान से भी ज़्यादा बताया जा रहा है। हालांकि, शुरुआती झटके के बाद ईरान अब फिर से संगठित हो गया है और हर दिन जवाबी कार्रवाई कर रहा है। इन जवाबी हमलों में एक अस्पताल, हाइफ़ा तेल रिफ़ाइनरी, धार्मिक स्थल और घरों को निशाना बनाया गया है।

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