Bangladesh General Elections: बांग्लादेश में लंबे समय से चल रही अनिश्चितता के बाद अंतरिम सरकार के प्रमुख और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार 6 जून 2025 को ऐलान किया कि देश में अगले आम चुनाव अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े में आयोजित होंगे. यह बांग्लादेश में पिछले साल अगस्त में हुए जन-आंदोलन के बाद पहला राष्ट्रीय चुनाव होगा. जिसने तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था. यूनुस ने ईद-उल-अज़हा की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा ‘मैं देश के नागरिकों को सूचित करता हूं कि चुनाव अप्रैल 2026 के पहले पखवाड़े में किसी भी दिन आयोजित होगा.’

जन-आंदोलन के बाद नई शुरुआत

पिछले साल अगस्त 2024 में बांग्लादेश में छात्रों के नेतृत्व में हुए जन-आंदोलन ने शेख हसीना की 15 साल पुरानी सरकार का तख्ता पलट दिया. इस आंदोलन की शुरुआत सरकारी नौकरियों में कोटा सुधार की मांग से हुई थी लेकिन यह जल्द ही भ्रष्टाचार और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ व्यापक विरोध में बदल गया. इसके परिणामस्वरूप शेख हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी. यूनुस ने इस आंदोलन को ‘लोकतंत्र की जीत’ करार देते हुए कहा कि उनकी अंतरिम सरकार का लक्ष्य सुधार, न्याय और स्वतंत्र-निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना है.

सुधारों पर जोर

यूनुस ने अपने संबोधन में बताया कि चुनाव आयोग जल्द ही विस्तृत रोडमैप जारी करेगा. उन्होंने कहा ‘हम चाहते हैं कि यह चुनाव इतिहास का सबसे पारदर्शी और व्यापक भागीदारी वाला हो ताकि देश नई संकट की स्थिति में न फंसे.’ अंतरिम सरकार ने न्याय, शासन और चुनावी प्रक्रिया से संबंधित सुधारों पर ध्यान केंद्रित किया है. यूनुस ने जोर देकर कहा कि मतदाता सूची को अपडेट करना और नए मतदाताओं, खासकर युवाओं को शामिल करना उनकी प्राथमिकता है. ‘पिछले 15 वर्षों में मतदाता सूची को पारदर्शी ढंग से सत्यापित नहीं किया गया. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी पात्र मतदाताओं के नाम सूची में हों.’

सेना और विपक्ष का दबाव

चुनाव की तारीख की घोषणा ऐसे समय में हुई है. जब यूनुस सरकार पर सेना और विपक्षी दलों, खासकर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) का दबाव बढ़ रहा था. सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमां ने मई 2025 में कहा था कि दिसंबर 2025 तक चुनाव होने चाहिए क्योंकि केवल निर्वाचित सरकार को ही देश का भविष्य तय करने का अधिकार है. बीएनपी जिसका नेतृत्व पूर्व पीएम खालिदा जिया कर रही हैं. जिसने भी दिसंबर तक चुनाव की मांग की थी. यूनुस ने इस दबाव को खारिज करते हुए कहा कि जल्दबाजी में चुनाव से सुधारों का उद्देश्य पूरा नहीं होगा.

शेख हसीना और अवामी लीग पर प्रतिबंध

शेख हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने पिछले साल के आंदोलन के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन और ‘नरसंहार’ के आरोप लगाए हैं. 10 मई 2025 को अंतरिम सरकार ने अवामी लीग और इसकी गतिविधियों पर आतंकवाद-निरोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया. जो आईसीटी की जांच पूरी होने तक लागू रहेगा. यूनुस ने कहा ‘हम शेख हसीना को भारत से प्रत्यर्पण के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय के मुख्य अभियोजक करीम खान के साथ चर्चा कर चुके हैं.’

यह भी पढे़ं- बिहार में राहुल गांधी का पीएम मोदी पर तीखा हमला, ‘ट्रंप के एक इशारे पर सरेंडर कर गए नरेंद्र जी’, PM कुछ बोल नहीं पाए