G7 summit:कनाडा जी7 शिखर सम्मेलन 2025 की मेजबानी कर रहा है। जिसमें भाग लेने भारत के प्रधानमंत्री कनाडा के दौरे पर हैं। इसी बीच सैकड़ों खालिस्तानी चरमपंथियों ने कैलगरी में विरोध प्रदर्शन किया। प्रर्दशनकारियों ने सड़क पर उतर कर खूब हंगामा मचाया उन्होने प्रर्दशन के दौरान पीएम मोदी के खिलाफ नारे लगाए और खालिस्तानी समर्थक झड़े लहराए। यह प्रर्दशन तब हुआ जब पीएम मोदी साइप्रस का दौरा पूरा करने के बाद जी7 शिखर सम्मेलन के लिए  कनाडा पहुंचे।

इस समूह ने आयोजित किया था प्रर्दशन

16 जून को कैलगरी के दशमेश गुरुद्वारे से शुरू हुआ एक बड़ा काफिला शहर की सड़कों पर मार्च कर रहा था। प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी के खिलाफ नारे लगाए और जेल जैसी संरचना में बंद उनके पुतले को दिखाया। कुछ पोस्टरों में मोदी को हथकड़ी लगाए और “वांछित” दिखाया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि वह ‘कनाडाई नागरिक’ हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए जिम्मेदार हैं।

विरोध प्रदर्शन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नामक एक खालिस्तानी समूह द्वारा आयोजित किया गया था, जो पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों का खुलेआम महिमामंडन करता है। यह खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू द्वारा स्थापित एक अमेरिकी संगठन है। पन्नू ने एक वीडियो संदेश में कहा, “हम जी7 शिखर सम्मेलन में मोदी की राजनीति को खत्म करने के लिए तैयार हैं।” सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कुछ प्रदर्शनकारियों को भारत और हिंदुओं के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते और खालिस्तान समर्थक नारे लगाते देखा गया।

कनाडा के पीएम ने किया था आमंत्रित

बता दें कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारत के पीएम को जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था। जिसकी वजह भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति है। हालांकि, कुछ कनाडाई सांसदों और न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने इस आमंत्रण पर आपत्ति जताई। सुरक्षा के लिए कैलगरी और कनानास्किस में नो-फ्लाई ज़ोन लागू किया गया है और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP), प्रांतीय पुलिस, फर्स्ट नेशंस और कनाडाई सशस्त्र बलों द्वारा व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है।

कनाडा सरकार ने प्रर्दशन को लेकर क्या कहा ?

हालांकि, प्रदर्शनकारियों के खुलेआम धमकी भरे नारे और हिंसक बयानबाजी पर अभी तक कनाडा सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि वे अगले 48 घंटों तक जी7 शिखर सम्मेलन में लाइव-स्ट्रीम के माध्यम से विरोध प्रदर्शन करेंगे।

भारत सरकार ने की प्रदर्शनों की कड़ी निंदा

भारत सरकार ने इन प्रदर्शनों की कड़ी निंदा की है। पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने इसे “अस्वीकार्य” करार देते हुए कहा, “मोदी की राजनीति खत्म करने का नारा दरअसल उन्हें जान से मारने की धमकी है, जिसे ‘राजनीति’ शब्द जोड़कर छिपाने की कोशिश की गई है। यह नारा पूरी तरह बेतुका है।” उन्होंने कनाडा सरकार से खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रदर्शनकारियों को “भाड़े के टट्टू” करार देते हुए कहा कि ये विरोध प्रदर्शन पड़ोसी देश (पाकिस्तान) से फंडिंग के जरिए किए जा रहे हैं। दिल्ली के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इन प्रदर्शनों में बच्चों के शामिल होने पर चिंता जताई और इसे “राजनीतिक एजेंडे के लिए बच्चों का दुरुपयोग” बताया।

खालिस्तानी गतिविधियों के कारण हाल के वर्षों में भारत और कनाडा के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। 2023 में कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने “बेतुका” बताकर खारिज कर दिया था। कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों द्वारा मंदिरों पर हमले और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा की भी खबरें आई हैं।

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