नई दिल्ली. अमेरिकन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा कुर्सी संभालते ही जिस तरीके से ट्रेड एंड टैरिफ वॉर छेड़ा है उससे दुनिया भर में हड़कंप मचा हुआ है. ट्रंप की कार्रवाई की जद में जो देश अभी तक आये हैं उसमें कनाडा, मैक्सिको,चीन और भारत जैसे देश शामिल हैं. भारत को छोड़कर अन्य देशों ने ट्रंप को उन्ही की भाषा में जवाब दिया है.
कनाडा के स्टोर से अमेरिकी सामान हटने लगे हैं, नतीजतन ट्रंप को अपना फैसला टालना पड़ा है. भारत ने अमेरिका से बातचीत का रास्ता अख्तियार किया है जबकि चीन ने अमेरिका के साथ जंग का ऐलान किया है. उधर अमेरिका ने भी साफ कर दिया है कि चीन की गीदड़भभकी से पीछे नहीं हटेंगे. चीन ने जोश में अमेरिका के साथ टैरिफ वार तो छेड़ दिया लेकिन अब उसे लग रहा है इस जंग में भारत की मदद की जरूरत है लिहाजा ड्रैगन ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन और भारत को ऐसे साझेदार बनें जो एक दूसरे की सफलता में योगदान दें. ड्रैगन और हाथी एक साथ चलें तो दुनिया की तस्वीर बदल सकते हैं. इनमें प्रतिस्पर्धा नहीं सहयोग की जरूरत है. हमें एक दूसरे के राह में रोड़े अटकाने की बजाय एक दूसरे को आगे बढ़ने में सहयोग करना चाहिए. ऐसा करके आगे बढ़ने में ही दोनों देशों का हित है. चीन के विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि जब चीन और भारत हाथ मिलाते हैं तो अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में अधिक खुलापन आता है. उन्होंने आगे जोड़ा ग्लोबल साउथ के और मजबूत होने की संभावना बढ़ जाती लिहाजा हमें ग्लोबल साउथ के लिए मिलकर काम करना चाहिए. कोई ऐसी समस्या नहीं जिसे वार्ता से सुलझाया नहीं जा सकता.दोनों देश मिलकर दुनिया को और बेहतर कर सकते हैं.
ये बात किसी से नहीं छिपी है कि जब पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी के आगोश में थी तब चीन ने सीमा पर भारत से विश्वासघात किया था. तब दोनों देशों के सैनिकों में कई झड़पें हुई थी और लगभग 4 साल तक तनातनी बनी रही. भारत ने साफ कर दिया था कि सीमा विवाद सुलझाये बिना रिश्ते ठीक नहीं हो सकते. हाल के दिनों में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए चीन और भारत में बैठक हुई. पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग मिले और एक हद तक गश्त भी शुरू हो गई है लेकिन दोनों देशों का विवाद अभी तक पूरी तरह हल नहीं हुआ है. चीन चाहता है कि सीमा विवाद पर अलग से बातचीत चलती रहेगी तब तक आपस में सहयोग करें. भारत इसके लिए तैयार नहीं है लिहाजा चीन के विदेश मंत्री ने रिश्तों पर जमीं बर्फ को पिघलाने के लिए यह बयान दिया है.
आपको बता दें कि चंद रोज पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संसद में ऐलान किया था कि हम पर जो भी देश जितना भी टैरिफ लगाएगा, हम भी उन पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे. मतलब एकदम साफ की जैसे को तैसा वाला व्यवहार करेंगे. उन्होंने कहा कि दूसरे देश हम पर दशकों से ज्यादा टैरिफ लगा रहे हैं. यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील और भारत सहित तमाम देश हम पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाए रहे हैं. भारत हम पर 100 फीसदी टैरिफ लगाता है. ट्रंप ने ऐलान किया कि आगामी 2 अप्रैल से जो भी देश अमेरिकी आयात पर टैरिफ लगाएगा उस पर हम भी उतना ही टैरिफ लगाएंगे. .
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