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60 सालों में पहली बार गिरी China की आबादी, ये है वजह

नई दिल्ली : दुनिया में सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश यानी चीन की जनसंख्या में कमी देखी गई है. यह पिछले 6 दशक में पहली बार देखी गई है. दुनिया में सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश चीन जनसांख्यिकीय संकट का सामना कर रहा है. आबादी में लगातार तेजी से गिरावट देखी जा रही है. आधिकारिक […]

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  • Last Updated: January 17, 2023 20:18:49 IST

नई दिल्ली : दुनिया में सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश यानी चीन की जनसंख्या में कमी देखी गई है. यह पिछले 6 दशक में पहली बार देखी गई है. दुनिया में सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाला देश चीन जनसांख्यिकीय संकट का सामना कर रहा है. आबादी में लगातार तेजी से गिरावट देखी जा रही है. आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो पिछले साल से ही चीन की जनसंख्या घटने लगी थी.

जन्म से अधिक मौत का आंकड़ा

राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि देश में पिछले साल की तुलना में आबादी 8,50,000 कम रही. इस रिपोर्ट में हांगकांग, मकाओ और स्वशासी ताइवान के साथ-साथ विदेशी निवासियों को छोड़कर केवल चीन की आबादी को गिना गया है. मंगलवार को ब्यूरो ने अपनी रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया है कि चीन में 1.041 करोड़ लोगों की मौत के मुकाबले 95.6 लाख लोगों के जन्म ने देश की आबादी 1.411.75 अरब पर ला खड़ी की है. इसमें 72.206 करोड़ पुरुष और 68.969 करोड़ महिलाएं शामिल हैं. ऐसे में दुनिया भर में सबसे अधिक आबादी वाले देश के तौर पर पहचाना जाने वाला चीन आबादी के मामले में भारत से पिछड़ जाएगा.

ये हो सकते हैं कारण

गौरतलब है कि चीन में पहली बार 1960 में आबादी में गिरावटआई थी. उस समय चीन आधुनिक इतिहास में सबसे खराब अकाल से गुज़र रहा था. ऐसा विनाशकारी माओत्से तुंग कृषि नीति के कारण हुआ था. इसे ग्रेट लीप फॉरवर्ड के रूप में जाना जाता है. बता दें, अधिक जनसंख्या के डर के कारण लागू की गई सख्त “वन-चाइल्ड पॉलिसी” को 2016 में ख़त्म कर दिया गया था. इसके बाद 2021 में तीन बच्चे पैदा करने की भी अनुमति दी जाने लगी. बावजूद इसके आज चीन जनसांख्यिकीय संकट से गुज़र रहा है. दरअसल एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन में लोग दशकों पुरानी एक-बच्चे की नीति के कारण छोटे परिवार के आदी हो रहे हैं. इसके अलावा बढ़ती संख्या और उच्च शिक्षा की मांग घटती जनसंख्या का कारण हो सकती है.

आर्थिक झटका

चीन की अर्थव्यवस्था दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था मानी जाती है. लेकिन कोरोना वायरस का प्रकोप देश की जनता का पीछा छोड़ ही नहीं रहा है. बता दें, चीन के वुहान से ही कोरोना का पहला केस सामने आया था. इसके बाद वायरस से निपटने के लिए लगाई गईं पाबंदियों ने साल 2022 में देश की आर्थिक स्थिति को और खराब करने का काम किया.

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