नई दिल्ली। पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में तनातनी जारी है। इन सबके बीच पाकिस्तान के जमीयत उलेमा इस्लाम पार्टी के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हम कश्मीर की बात करते हैं लेकिन अफगानिस्तान को भूल जाते हैं।
अफगानिस्तान के बारे में सोचना होगा
भारत विरोधी नेता फजलुर रहमान ने इस्लामाबाद में भाषण देते हुए कहा कि हमें कश्मीर के मसले से पहले अफगानिस्तान के बारे में सोचना होगा। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ अपने रिश्ते बेहतर क्यों नहीं बनाए। ये बात याद रखिए कि अफगानिस्तान में जाहिर शाह से लेकर अशरफ गनी तक जितनी भी सरकारें आईं, वो सभी प्रो-इंडियन सरकारें थीं।
हम उन्हें धकेल रहे
रहमान ने कहा कि अमरात-ए-इस्लामी की सरकार है जिसे हम राजनीतिक सफलता के साथ पाकिस्तान समर्थक बनाने में सफल हो सकते थे। अगर हमें राजनीति आती तो आज अफगानिस्तान पाकिस्तान समर्थक अफगानिस्तान होता। लेकिन हम उन्हें भी धकेल रहे हैं। अपने मुद्दों को सुलझाने के बजाय हम उन्हें और उलझा रहे हैं।
अफगानिस्तान हमारा क्यों नहीं हुआ
उन्होंने आगे कहा कि सीमा के दोनों तरफ माल लदे वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं और लोगों का सामान बर्बाद हो रहा है। ये गलत नीतियां तब तक बनती रहेंगी जब तक सैन्य सोच के साथ राजनीतिक और आर्थिक सोच को शामिल नहीं किया जाता। इंडोनेशिया, मलेशिया, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, चीन और ईरान की अर्थव्यवस्था ऊपर जा रही है। लेकिन इन सभी देशों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था नीचे गर्त में जा रही।