नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ लेते ही अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बाहर निकालने की बात कही है और उन्हें गिरफ्तार करना भी शुरू कर दिया है। ट्रंप के इस कदम से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों में भारत भी शामिल है। भारत के अलावा मैक्सिको, अल साल्वाडोर, ब्राजील, कनाडा, कोलंबिया, इक्वाडोर और अन्य देशों से बड़ी संख्या में अवैध अप्रवासी अमेरिका में रहते हैं। वहीं इसी बीच देखा जाए तो ट्रंप खूद फंसते हुए नजर आ रहे हैं. तो आइए आपको बताते है क्या है पूरा माजरा…
दुनिया के सबसे ताकतवर व्यक्ति डोनाल्ड ट्रंप अपने परिवार के साथ वाशिंगटन डीसी के सेंट जॉन चर्च में प्रार्थना के लिए बैठे थे। चर्च के बिशप मैरिएन एडगर बुडे ने ट्रंप की आंखों में देखते हुए कहा कि भगवान के नाम पर मैं आपसे हमारे देश के उन लोगों के लिए दया की प्रार्थना करता हूँ जो अब डरे हुए हैं। भगवान हमें सिखाते हैं कि हमें अजनबियों के प्रति दयालु होना चाहिए, क्योंकि एक समय हम भी इस देश में अजनबी थे।जब ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, तो वे इस अनुरोध को भूल गए।
वहीं उनके शुरुआती फैसलों में अमेरिका से अवैध अप्रवासियों को बाहर निकालना और अमेरिका में पैदा होने वाले हर बच्चे को अमेरिकी नागरिकता देने वाले कानून को खत्म करना शामिल था। 34 करोड़ की आबादी वाले अमेरिका से अगर सभी ‘बाहरी लोगों’ को निकाल दिया जाए तो सिर्फ 97 लाख लोग बचेंगे, यानी कुल आबादी का 3%। ट्रंप और उनके अरबपति दोस्त एलन मस्क के पूर्वज भी दूसरे देशों से अमेरिका आए थे। एप्पल से लेकर गूगल तक, एटम से लेकर क्वांटम तक, हर वो चीज़ जिस पर अमेरिका को गर्व है, वो ‘बाहरी लोगों’ की देन है।
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