Former US President Biden: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (82) को प्रोस्टेट कैंसर होने की पुष्टि हुई है जो उनकी हड्डियों तक फैल चुका है. उनके कार्यालय ने 18 मई 2025 को जारी बयान में बताया कि यह कैंसर आक्रामक रूप (ग्लीसन स्कोर 9, ग्रेड ग्रुप 5) का है और स्टेज 4 में है. हालांकि कैंसर हार्मोन-सेंसिटिव है जिसका मतलब है कि हार्मोन थेरेपी से इसका प्रभावी प्रबंधन संभव है. बाइडन और उनका परिवार वर्तमान में चिकित्सकों के साथ इलाज के विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.
पिछले सप्ताह बाइडन को मूत्र-संबंधी समस्याओं (यूरिनरी सिम्पटम्स) का सामना करना पड़ा. जिसके बाद चिकित्सकों ने जांच की. इस दौरान उनके प्रोस्टेट में एक छोटा नोड्यूल (गांठ) पाया गया. 16 मई 2025 को आगे की जांच में प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि हुई. जो हड्डियों तक मेटास्टेसाइज (फैल) हो चुका है. बाइडन के कार्यालय ने बताया. यह कैंसर का गंभीर रूप है लेकिन हार्मोन थेरेपी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है.
प्रोस्टेट कैंसर की गंभीरता को ग्लीसन स्कोर से मापा जाता है जो 6 से 10 तक होता है. बाइडन का स्कोर 9 है जो इसे अत्यधिक आक्रामक (हाई-ग्रेड) बनाता है. कैंसर विशेषज्ञों के अनुसार जब कैंसर हड्डियों तक फैल जाता है तो इसे ठीक करना संभव नहीं होता लेकिन आधुनिक उपचारों से मरीज कई वर्षों तक गुणवत्तापूर्ण जीवन जी सकता है. ड्यूक यूनिवर्सिटी के प्रोस्टेट कैंसर विशेषज्ञ डॉ. जड मौल ने कहा ऐसे मरीज 5, 7, 10 या उससे अधिक साल तक जीवित रह सकते हैं.
बाइडन का कैंसर हार्मोन-सेंसिटिव होने के कारण टेस्टोस्टेरोन को ब्लॉक करने वाली दवाएं, जैसे ल्यूप्रोन, प्राथमिक उपचार हो सकती हैं. यह थेरेपी कैंसर की वृद्धि को धीमा करती है और लक्षणों को नियंत्रित करती है. विशेषज्ञों का कहना है कि बाइडन की उम्र और समग्र स्वास्थ्य को देखते हुए उपचार का लक्ष्य कैंसर को नियंत्रित करना और जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखना होगा. डॉ. क्रिस जॉर्ज, नॉर्थवेस्टर्न मेडिसिन के कैंसर विशेषज्ञ, ने बताया अच्छे उपचार से मरीज कई वर्षों तक सामान्य जीवन जी सकता है.
82 वर्षीय बाइडन अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति रहे हैं. उनके स्वास्थ्य को लेकर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान काफी चर्चा हुई थी. जिसके बाद उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी. बाइडन का कैंसर से निजी जुड़ाव भी गहरा है. उनके बेटे ब्यू बाइडन की 2015 में ब्रेन कैंसर से मृत्यु हो गई थी. इसके बाद बाइडन ने उप-राष्ट्रपति के रूप में ‘कैंसर मूनशॉट’ पहल शुरू की थी. जिसे उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद 2022 में फिर से सक्रिय किया. इस पहल का लक्ष्य अगले 25 वर्षों में कैंसर से होने वाली मौतों को आधा करना है.