नई दिल्ली: अमेरिका में 19 साल से कम उम्र के युवाओं के लिए लिंग परिवर्तन अब आसान नहीं होगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस प्रक्रिया को सीमित करने के लिए एक नए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। इस आदेश के तहत फेडरल फंडिंग और समर्थन को रोका जाएगा, जिससे नाबालिगों के लिए लिंग परिवर्तन संबंधी प्रक्रियाएं मुश्किल हो जाएंगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने बयान जारी कर कहा, “अमेरिका की नीति यह है कि वह किसी भी बच्चे के लिंग परिवर्तन को वित्तीय सहायता, समर्थन या स्पॉन्सरशिप नहीं देगा। हम उन सभी कानूनों को सख्ती से लागू करेंगे, जो इस विनाशकारी और जीवन बदलने वाली प्रक्रिया को प्रतिबंधित करते हैं।” यह फैसला बाइडन प्रशासन की ट्रांसजेंडर नीतियों को पलटने की ट्रंप की नवीनतम कोशिश मानी जा रही है। इससे पहले उन्होंने पेंटागन को ट्रांसजेंडर लोगों की सैन्य सेवा की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, जिससे संभावित रूप से कुछ ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सेना में शामिल होने से प्रतिबंधित किया जा सकता है।
इस आदेश के तहत, फेडरल बीमा प्रोग्राम्स जैसे TRICARE और Medicaid अब युवाओं के लिंग परिवर्तन से जुड़ी चिकित्सा सेवाओं को कवर नहीं करेंगे। साथ ही, न्याय विभाग से कानूनी कार्रवाई करने की अपील की गई है ताकि लिंग परिवर्तन सर्जरी और उपचार पर सख्त पाबंदी लगाई जा सके। ट्रंप के इस आदेश की एलजीबीटीक्यू समुदाय और मानवाधिकार संगठनों ने कड़ी आलोचना की है। लैंबडा लीगल के वरिष्ठ वकील उमर गोंजालेज-पगन ने इसे “सरकारी शक्ति का दुरुपयोग” बताते हुए कहा कि यह युवाओं के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं से इनकार करने का खतरनाक प्रयास है।
स्वतंत्र अनुसंधान संगठन KFF की LGBTQ हेल्थ पॉलिसी निदेशक लिंडसे डॉसन ने कहा कि यह आदेश कई सवाल खड़े करता है, जिसमें यह स्पष्ट नहीं है कि यह नीति कब और कैसे लागू होगी।
ट्रंप का यह फैसला अमेरिका में ट्रांसजेंडर अधिकारों को सीमित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इससे न केवल नाबालिगों की लिंग परिवर्तन प्रक्रिया कॉम्प्लिकेटेड होगी, बल्कि उनके लिए स्वास्थ्य सेवाएं भी महंगी और कठिन हो सकती हैं। अब देखना यह होगा कि इस आदेश पर कानूनी लड़ाई कैसे आगे बढ़ती है.
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