नई दिल्ली, Golden mask फ्रांस के मोंटपेलियर शहर में एक गोल्डन मास्क की नीलामी को लेकर बवाल मचा हुआ है. वहां के स्थानीय गैबोनी समुदाय ने मास्क बेचे जाने का प्रतिरोध करते हुए कहा है कि वो किसी भी हालत में अपना मास्क वापस लेकर रहेंगे. वहां के मूल निवासियों का कहना है कि मास्क चुराया गया है.
19 वीं सदी के लकड़ी के नक्काशीदार गोल्डन मास्क की नीमाली को लेकर हंगामा किया है. दरअसल यह मामला दक्षिणी फ्रांस की है, यह हंगामा ऑक्शन साइट पर भी मचाया, लेकिन कितनी भी कोशिस करने पर मास्क बिकने से नहीं रोक पाए. अजीब-गरीव दिखने वाले इस मास्क को 4.6 मिलियन डॉलर (लगभग 35 करोड़ रुपये) में निलाम किया गया है.
खबरों के मुताबिक फ्रांस (France) के मोंटपेलियर शहर में एक्टिविस्ट ने यह बताते हुए कहा कि नीलामी को ग्रस्त करने का प्रयास किया। जो कोई भी मास्क खरीदेगा उसे चोरी का सामान मिल रहा है. इस लकड़ी के दुर्लभ मास्क का प्रयोग गैबॉन के फेंग जातीय लोगों द्वारा धार्मिक शुभ कार्यक्रम में किया जाता है.
गैबोनीज समुदाय का एक युवक ने कहा कि यह चोरी का सामान है, साथ यह भी कहा कि हम इसकी शिकायत करेंगे और अपने मास्क को पुन: वापस करके रहेंगे. ऑक्शन साइट के सिक्योरिटी गार्ड्स ने कुछ देर बवाल होने के बाद प्रदर्शनकारियों को बाहर जरूर कर दिया, लेकिन उनका प्रदर्शन वेसा ही चलता रहा. लेकिन उनका प्रदर्शन जारी रहा. मास्क का बेस मूल्य 300,000-400,000 यूरो निर्धारित किया गया था, और किसी को कोई भी उम्मीद नहीं थी कि इस मास्क के लिए कोई इतनी रकम देगा.
दरअसल, दुर्लभ मास्क Ngil ‘Vigilantes’के गुप्त समाज से संबंधित था, इसका इस्तेमाल संकट दूर करने के लिए इसे पहनकर गांव-गांव घूमते थे, जिन पर जादू-टोने या नजर का शक हो तब इसका प्रयोग ठीक करने के लिए किया जाता था, इसका नीलामी पूरी तरह से कानूनी थी.