नई दिल्ली। अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर भारत में बवाल मच गया है। उनके साथ जिस तरह का सुलूक करते हुए अमेरिका ने वापस भेजा है, उसे लेकर विपक्षी दलों ने भारत सरकार को घेर लिया है। 5 फरवरी को अमृतसर के श्री गुरु रामदासजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिका के C-17 ग्लोबमास्टर प्लेन से 104 अवैध भारतीय अप्रवासी इंडिया पहुंचे। इनको जंजीर से बांधकर रखा गया था। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल चीफ माइकल बैंक ने खुद इस वीडियो शेयर किया है। जिसमें वो भारतीयों को अवैध एलियंस बता रहे हैं।
सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में दिख रहा है कि प्लेन में चढ़ते लोगों के पैरों में जंजीरें बंधी हुई है। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों ने इसी तरह से उन्हें मिलिट्री प्लेन में चढ़ाया। 40 घंटे के सफर में वो ऐसे ही बंधे रहे। कुछ लोगों ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में बताया कि उन्हें प्लेन के अंदर एक ही जगह बैठने रहने को कहा गया था। वाशरूम तक नहीं जाने दे रहे थे। जिद करने पर उन्हें घसीटते हुए ले जाया गया। यात्रियों का कहना है कि उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से विनती की कि कुछ मिनटों के लिए हथकड़ी खोल दें लेकिन उन्होंने सुना तक नहीं।
USBP and partners successfully returned illegal aliens to India, marking the farthest deportation flight yet using military transport. This mission underscores our commitment to enforcing immigration laws and ensuring swift removals.
If you cross illegally, you will be removed. pic.twitter.com/WW4OWYzWOf
— Chief Michael W. Banks (@USBPChief) February 5, 2025
20 जनवरी 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया था कि वो अवैध प्रवासियों को यहां से निकाल रहे हैं। बकौल ट्रंप ये लोग बहुत बुरे और खूंखार अपराधी है। ये सब हत्यारे हैं और इतने खतरनाक है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए सबसे पहले इनको निकालना जरूरी है। ट्रंप ने ‘लैकेन रिले एक्ट’ साइन किया, जिसके बाद अमेरिकी अधिकारियों को अवैध अप्रवासियों को निकालने का अधिकार मिला। 15 लाख लोगों की लिस्ट तैयार हुई, जिसमें 20,407 भारतीय भी शामिल हैं।