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हसन नसरल्लाह को इस बस्टर बम से उड़ाया, जानें कैसे ऑपरेशन को दिया अंजाम

नई दिल्ली :  इजराइल ने हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को मार गिराया है। इजराइल ने शुक्रवार शाम को लेबनान के बेरूत में एक के बाद एक कई इमारतों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए जिसमें नसरल्लाह को मारा गया। हिजबुल्लाह का मुख्यालय इन्हीं इमारतों में से एक में बने बंकर में था और नसरल्लाह […]

GBU-72 Bunker Buster Bomb
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  • Last Updated: September 28, 2024 22:00:41 IST

नई दिल्ली :  इजराइल ने हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह को मार गिराया है। इजराइल ने शुक्रवार शाम को लेबनान के बेरूत में एक के बाद एक कई इमारतों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए जिसमें नसरल्लाह को मारा गया। हिजबुल्लाह का मुख्यालय इन्हीं इमारतों में से एक में बने बंकर में था और नसरल्लाह वहीं से इजराइल पर हमलों की योजना बना रहा था। नसरल्लाह की मौत के बाद अब इस बात की चर्चा हो रही है कि इजराइल ने इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए किस बम का इस्तेमाल किया।

 

नसरल्लाह को मारने के लिए इज़रायल ने जिस शक्तिशाली मिसाइल का इस्तेमाल किया है, उसका नाम बंकर बस्टर GBU-72 बम है। इस विध्वंसक बम की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह बड़े से बड़े और सुरक्षित बंकर को भी पल भर में नष्ट करने की क्षमता रखता है। इस बम को इज़रायल ने खुद नहीं बनाया है बल्कि अमेरिका ने उसे दिया है। माना जा रहा है कि इज़रायल ने अपने इस शक्तिशाली बम का पहली बार किसी ऑपरेशन में इस्तेमाल किया है। इस बम का निर्माण 2021 में किया गया था।

GBU-72 बंकर बस्टर बम की खासियत

इस GBU-72 बंकर बस्टर बम को साल 2021 में बनाया गया था।

इसे अपनी तरह का बेहद एडवांस बंकर बस्टर बम बताया जा रहा है।

खास बात यह है कि GBU-72 में 2200 किलो विस्फोटक भरा हुआ है।

यह बम बंकर समेत पूरी बिल्डिंग को तबाह करने की ताकत रखता है।

GBU-72 बंकर बस्टर कैसे काम करता है

लॉन्च होने के बाद बंकर बस्टर बम ज़मीन में गहराई तक घुस जाता है।

यह तुरंत नहीं फटता बल्कि करीब 100 फीट नीचे जाने के बाद फटता है।

सबसे पहले GBU-72 का प्राइमरी वॉरहेड कंक्रीट पर फटता है।

फिर धमाके के बाद सेकेंडरी और मेन वॉरहेड ट्रिगर होते हैं।

इसका मेन वॉरहेड 6 फीट मोटे कंक्रीट को भी भेदने की क्षमता रखता है।

कंक्रीट को भेदने के बाद यह सुरंग को भी नष्ट कर देता है।

संकेत मिलते ही हवाई हमला किया

सबसे पहले इसराइली जासूसों को बेरूत में नसरल्लाह की लोकेशन मिली। उन्होंने यह जानकारी खुफिया एजेंसी के मुख्यालय को भेजी दी थी । इसके बाद बिना किसी देरी के बेरूत पर हवाई हमला करने का फैसला लिया गया। इसराइली डिफेंस फोर्सेज ने हवाई हमले के लिए अमेरिका गए प्रधानमंत्री नेतन्याहू से सहमति ली। प्रधानमंत्री से हमले का संकेत मिलते ही हवाई हमला किया गया।

नेतन्याहू ने अमेरिका से दी थी हमले की इजाजत

कहा जा रहा है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यूएन में भाषण देने के बाद अपने होटल के कमरे से हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर हमला करने की इजाजत दी थी। हमले के बाद इजरायली पीएम के कार्यालय ने नेतन्याहू की एक तस्वीर जारी की, जिसमें दावा किया जा रहा है कि वह लैंडलाइन फोन से लेबनान में हमले का आदेश देते नजर आए।

 

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