नई दिल्ली: पूर्व राजनयिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शेख हसीना जब तक चाहें उन्हें भारत में रहने की इजाजत दी जानी चाहिए. शनिवार (11 जनवरी 2025) को 16वें एपीजे कोलकाता लिटरेरी फेस्टिवल के दौरान मणिशंकर अय्यर ने कहा कि शेख हसीना ने भारत के लिए बहुत अच्छे काम किए हैं।
वहीं उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि उन्हें भारत में शरण दी गई है. जब तक वह चाहें हमें उनका मेजबान बने रहना चाहिए, भले ही यह उनके शेष जीवन के लिए हो.” अय्यर ने यह भी कहा कि भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पिछले महीने ढाका का दौरा किया और वहां अधिकारियों से चर्चा की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ बातचीत जारी रखनी चाहिए और मंत्रिस्तरीय संपर्क स्थापित करना चाहिए.
वहीं बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर अय्यर ने कहा कि यह सच है कि बांग्लादेश में हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इन हमलों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. उन्होंने इसे राजनीतिक संघर्ष का नतीजा बताया और कहा कि ज्यादातर हमले इसलिए हो रहे हैं क्योंकि अल्पसंख्यक हसीना के समर्थक हैं.
बता दें कि शेख हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में हैं. छात्रों के नेतृत्व में बड़े विरोध प्रदर्शनों के कारण उनकी 16 साल पुरानी सरकार गिरने के बाद हसीना को देश छोड़ना पड़ा। मणिशंकर अय्यर ने भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी भी भारतीयों की तरह हैं, लेकिन बंटवारे की त्रासदी ने उन्हें अलग कर दिया. अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, ”एक तमिल होने के नाते मुझमें और एक पंजाबी होने के नाते मेरी पत्नी में और एक पाकिस्तानी पंजाबी होने के नाते उनमें बहुत कम अंतर है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर निशाना साधते हुए अय्यर ने कहा कि सरकार सर्जिकल स्ट्राइक करने की हिम्मत तो रखती है, लेकिन पाकिस्तान से बातचीत करने की हिम्मत नहीं दिखा पाती. अय्यर ने पाकिस्तान को आतंकवाद पीड़ित और आतंकवाद फैलाने वाला देश दोनों बताया.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने सोचा था कि अफगानिस्तान में तालिबान को सत्ता में लाकर वह फायदा उठाएगा, लेकिन आज तालिबान उसके लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है. अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान को दुश्मन मानना भारत के लिए आत्मघाती होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करनी चाहिए, जैसा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान कश्मीर मुद्दे पर किया गया था।
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