Saudi Arabia Remove Ban On Alcohol: सऊदी अरब, जो अपनी कट्टर इस्लामिक परंपराओं और शरीयत कानूनों के लिए जाना जाता है. जिसने 73 साल पुराने शराब प्रतिबंध को हटाने का ऐलान किया है. 1952 में लागू इस प्रतिबंध के बाद अब 2026 से देश के 600 चुनिंदा स्थानों पर शराब की बिक्री और सीमित खपत की अनुमति होगी. यह कदम क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की ‘विजन 2030’ योजना का हिस्सा है. जिसका मकसद सऊदी अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से मुक्त कर पर्यटन और वैश्विक निवेश को बढ़ावा देना है. आइए जानते हैं कि इस ऐतिहासिक फैसले के पीछे की वजहें और इसका असर क्या होगा.
सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था लंबे समय से तेल पर निर्भर रही है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की ‘विजन 2030’ योजना इस निर्भरता को कम करने और पर्यटन, मनोरंजन और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. 2030 तक देश में 100 मिलियन पर्यटकों को आकर्षित करने और पर्यटन क्षेत्र से जीडीपी में 10% योगदान का लक्ष्य रखा गया है. शराब की बिक्री को सीमित रूप से अनुमति देना इस रणनीति का हिस्सा है ताकि सऊदी अरब को वैश्विक पर्यटकों और निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया जा सके. पड़ोसी देशों जैसे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और बहरीन में शराब की नियंत्रित बिक्री से पर्यटन में आई तेजी ने इस फैसले को प्रेरित किया है.
सऊदी अरब 2030 में वर्ल्ड एक्सपो और 2034 में FIFA वर्ल्ड कप की मेजबानी करने जा रहा है. ये वैश्विक आयोजन लाखों पर्यटकों, खिलाड़ियों और अधिकारियों को देश में लाएंगे. जिनमें से कई अंतरराष्ट्रीय आतिथ्य मानकों की अपेक्षा रखते हैं, जिसमें शराब की उपलब्धता भी शामिल है. 2026 से शुरू होने वाली यह नीति इन आयोजनों के लिए आधार तैयार करेगी. हालांकि, स्टेडियमों और फैन जोन में शराब पर प्रतिबंध बना रहेगा, जैसा कि प्रिंस खालिद बिन बंदर अल सऊद ने 2025 में स्पष्ट किया था.
सऊदी सरकार ने साफ किया है कि शराब की बिक्री और खपत पूरी तरह नियंत्रित होगी. यह सुविधा केवल गैर-मुस्लिम पर्यटकों और राजनयिकों के लिए होगी और केवल 600 चुनिंदा स्थानों जैसे पांच सितारा होटल, लक्जरी रिसॉर्ट्स और पर्यटन परियोजनाओं (नियोम, सिन्डालाह द्वीप, रेड सी प्रोजेक्ट) में उपलब्ध होगी. बियर, वाइन, और साइडर जैसे 20% से कम अल्कोहल सामग्री वाले पेय की बिक्री की अनुमति होगी. जबकि स्पिरिट्स और हार्ड लिकर पर प्रतिबंध बना रहेगा.
इसके अलावा शराब की बिक्री सार्वजनिक स्थानों, निजी घरों या रिटेल स्टोर्स में नहीं होगी. खरीद के लिए एक मोबाइल ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन और कोटा सिस्टम लागू होगा. कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि सांस्कृतिक संवेदनशीलताओं का सम्मान हो. यह नीति काले बाजार और अवैध शराब तस्करी को रोकने के लिए भी है जो पहले राजनयिक क्षेत्रों में देखी गई थी.
सऊदी अरब में शराब का मुद्दा धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील है क्योंकि इस्लाम में शराब को हराम माना जाता है. 1952 में यह प्रतिबंध तब लागू हुआ था. जब किंग अब्दुलअज़ीज़ के बेटे प्रिंस मिशारी ने नशे में एक ब्रिटिश राजनयिक सिरिल ओउसमैन की हत्या कर दी थी. इस घटना ने देश में शराब पर सख्त पाबंदी लगाने का रास्ता खोला. हाल के सर्वे में 76% सऊदी नागरिकों ने इस फैसले का विरोध किया खासकर युवा पीढ़ी पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता जताई. फिर भी 6.8% लोग मानते हैं कि यह पर्यटन को बढ़ावा देगा.
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