नई दिल्ली : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ डील करने की पेशकश की, लेकिन साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर ईरान इसके लिए राजी नहीं हुआ तो यह उसके लिए विनाशकारी साबित होगा। इसके अलावा उन्होंने ईरान पर तेल की बिक्री रोकने के लिए “अधिकतम दबाव” डालने का आदेश दिया।
ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता- ट्रंप
व्हाइट हाउस में एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा, “मैं ईरान से कहना चाहता हूं कि मैं एक बड़ी डील करना चाहता हूं। एक ऐसा समझौता जिसके साथ वे अपने जीवन को आगे बढ़ा सकें।” लेकिन उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो यह ईरान के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण साबित होगा।
हत्या की साजिश
ट्रंप के रुख में यह बदलाव इसलिए देखने को मिला क्योंकि अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए बहुराष्ट्रीय समझौते को रद्द कर दिया था। बाद में ट्रंप ने कहा कि उन्होंने निर्देश दिए हैं कि अगर ईरान उन्हें मारने की कोशिश करता है तो उसका पूरी तरह सफाया कर दिया जाए। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से पहले ही उनकी हत्या की साजिश रच ली थी। इस मामले में न्यूयॉर्क में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
ईरान नहीं बचेगा
इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने दोहराया कि अगर ईरान ने उनकी हत्या कर दी, तो “यह उसका अंत होगा।” उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही आदेश दे दिए हैं, अगर वे ऐसा करते हैं, तो उनका सफाया हो जाएगा। कुछ भी नहीं बचेगा।”
ट्रंप ने ईरान की तेल बिक्री को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की भी बात कही। उन्होंने कहा, “मैंने फिर से ईरान पर अधिकतम दबाव की नीति लागू की है। हम फिर से सख्त प्रतिबंध लगाएंगे, ईरान के तेल निर्यात को शून्य कर देंगे और आतंकवाद को वित्तपोषित करने की उनकी क्षमता को खत्म कर देंगे।”
ट्रंप का प्रस्ताव उनके अलग कूटनीतिक तरीकों का हिस्सा है। अपने पहले कार्यकाल के दौरान, उन्होंने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन से तीन बार मुलाकात की, लेकिन प्योंगयांग को अपना परमाणु कार्यक्रम छोड़ने के लिए राजी नहीं कर पाए।
ईरान कमजोर हुआ
ईरान इस समय कमजोर स्थिति में है क्योंकि उसके सहयोगी, पूर्व सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल कर दिया गया है और उनके समर्थक समूह हिजबुल्लाह और हमास कमजोर हो गए हैं। इसके अलावा, ईरान में नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन सत्ता में आए हैं, जिन्होंने इब्राहिम रईसी का स्थान लिया है, जिनकी हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
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