Inkhabar
  • होम
  • दुनिया
  • India-Russia relations:अपने अहम फैसले में रूस ने किया भारतीय अधिकारी का जिक्र, विश्व भर में छिड़ी बहस

India-Russia relations:अपने अहम फैसले में रूस ने किया भारतीय अधिकारी का जिक्र, विश्व भर में छिड़ी बहस

मास्कोः रूस अब यूक्रेन के विरूद्ध अपने कूटनीतिक प्रयासों में तेजी ला रहा है। इन प्रयासों के सहारे रूस यूक्रेन के इलाकों में जनमत संग्रह के सहारे अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी दौरान यूक्रेन के डोनबास इलाके में जनमत संग्रह के दौरान एक भारतीय अधिकारी की कथित मौजूदगी पर विवाद […]

Purnima Aanand
inkhbar News
  • Last Updated: September 30, 2022 15:00:30 IST

मास्कोः रूस अब यूक्रेन के विरूद्ध अपने कूटनीतिक प्रयासों में तेजी ला रहा है। इन प्रयासों के सहारे रूस यूक्रेन के इलाकों में जनमत संग्रह के सहारे अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी दौरान यूक्रेन के डोनबास इलाके में जनमत संग्रह के दौरान एक भारतीय अधिकारी की कथित मौजूदगी पर विवाद छिड़ गया है।

रूस का जनमत अभियान

रूस ने यूक्रेन के डोनबास इलाके को अपने देश में विलय करने के लिए जनमत करा रहा है। वहीं रूसी मीडिया के अनुसार डोनबास में जनमत संग्रह के दौरान पर्यवेक्षक के तौर पर एक भारतीय अधिकारी भी मौजूद था। रूस के इस जनमत अभियान को लेकर दिए आधिकारिक बयान में बताया कि ग्रेट ब्रिटेन, जर्मनी, सर्बिया, भारत, सीरिया, टोगो, स्पेन, कोलंबिया, दक्षिण अफ्रीका, घाना, आइसलैंड और लातविया के प्रतिनिधि डोनेत्सक और मेकेवका के मतदान केंद्रों पर पर्यवेक्षक के तौर पर उपस्थित थे।

भारत का स्पष्ट रूख

रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू होने के बाद से भारत ने अपना रूख स्पष्ट रखा है। भारत लगातार रूस और यूक्रेन को एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करने का आग्रह करता रहा है। ऐसे में भारत के एक अधिकारी की जनमत संग्रह के दौरान उपस्थिति से एक नया विवाद छिड़ गया है। मौजूद भारतीय पर्यवेक्षक अधिकारी का नाम पूर्णिमा आनंद बताया जा रहा है। बता दें कि भारत सरकार ने जनमत संग्रह में किसी भी अधिकारी को प्रतिनिधि या पर्यवेक्षक के तौर पर नहीं भेजा था। वहीं रूस ने अपने अधिकारिक बयान में पूर्णिमा आनंद को ब्रिक्स इंटरनेशनल फोरम (ब्रिक्स-आईएफ) का अध्यक्ष बताया है।

अधिकारी ने दी प्रतिक्रिया

हालांकि ब्रिक्स के तहत ब्रिक्स इंटरनेशनल फोरम (ब्रिक्स-आईएफ) नाम का कोई संगठन नहीं है। पर्यवेक्षक पूर्णिमा आनंद ने विवाद बढ़ता देख भारतीय मीडिया से कहा कि ब्रिक्स इंटरनेशनल फोरम में उनका संगठन फिलहाल ब्रिक्स के एक हिस्से के रूप में पंजीकृत नहीं है। जांच अधिकारी बनने को लेकर पूर्णिमा ने कहा कि भारत को जनमत संग्रह में उनकी उपस्थिति पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए क्योंकि रूस उनका एक रणनीतिक साझेदार होने के साथ-साथ भारत का पुराना दोस्त है।

Russia-Ukraine War:यूक्रेन के 2 क्षेत्रों को रूस ने किया स्‍वतंत्र, जल्द ही होगी विलय की अधिकारिक घोषणा

IAN Hurricane:अमेरिका में IAN तूफान का तांडव, 250 KM प्रति घंटे की रफ्तार बह रही हवाओं ने मचाया उत्पात