नई दिल्ली। मुस्लिम देश सीरिया में एक बार फिर से खूनी जंग देखने को मिली है। HTS सुरक्षा बलों और सत्ता से बेदखल किए गए असद समर्थकों के बीच भीषण संघर्ष हुआ। इसमें असद समर्थक 70 लड़ाके मारे जाने की खबर आ रही है। साथ ही में सीरियाई सेना के 16 सैनिकों मारे गए हैं। दिसंबर में बशर अल-असद के पतन के बाद से सेना के साथ यह पहली इतनी बड़ी झड़प है।
सीरिया के रक्षा मंत्रालय ने लताकिया प्रांत में लड़ रहे बशर अल-असद के समर्थकों को चेतावनी दी है। मालूम हो कि दिसंबर में विद्रोही समूहों ने असद शासन का तख्तापलट कर दिया था। तबसे स्थिति और भयावह हो गई है। कहा जा रहा है कि दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर रॉकेट लॉन्चरों से हमला किया है। विद्रोही गुट हयात ताहिर अल-शाम यानी HTS के लड़ाकों ने कई घरों पर गोलियों की बरसात कर दी है। इधर गोलियां बरसाई जा रही थी तो दूसरी तरफ तुर्किए की सेना भी घुस गई है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल हसन अब्दुल गनी ने असद समर्थकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि हजारों लोगों ने अपने हथियार सरेंडर कर दिए हैं और वो अपने परिवार के पास लौट रहे हैं। कुछ हत्यारे भागने और लड़ने के लिए अभी भी तैयार हैं। उनके पास सिर्फ दो विकल्प है। या तो अपना हथियार फेंक या मरने के लिए तैयार रहे। यह खूनी खेल ऐसे समय में हो रहा है, जब यूक्रेन और गाजा में शांति की बात चल रही है।