India-Pak conflict: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी ने कश्मीर, सिंधु जल संधि और आतंकवाद के मुद्दे पर चर्चा के लिए भारत से बातचीत करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि इन मुद्दों को दोनों देश व्यापक बातचीत के जरिए ही सुलझा सकते हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सिंधु जल संधि से निलंबन नहीं हटाया गया तो पाकिस्तान के पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी देशों की यात्रा पर गए संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे बिलावल भुट्टो ने बीते रविवार को ब्रुसेल्स की अपनी यात्रा के दरम्यान जर्मन प्रसारक डॉयचे वेले उर्दू को दिए एक इंटरव्यू में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच सभी लंबित मुद्दों को व्यापक बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है। अगर भारत बातचीत के लिए मेज पर नहीं आता है तो यह उनके हित में नहीं होगा।”
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बिलावल भुट्टो ने दी ये गीदड़भभकी
पूर्व विदेश मंत्री ने चेतावनी दी कि भारत द्वारा पाकिस्तान की जल आपूर्ति को रोकने के किसी भी प्रयास को अस्तित्व के लिए खतरा माना जाएगा, जिससे पाकिस्तान के पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
इससे पहले एक दिन पूर्व में , बिलावल भुट्टो जरदारी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत को बातचीत की मेज पर लाने और कश्मीर मुद्दे, जल मुद्दे और आतंकवाद के समाधान सहित व्यापक बातचीत के जरिए दक्षिण एशिया में स्थायी शांति सुनिश्चित करने में अपनी भूमिका निभाने का अनुरोध किया था।
भारत की पाकिस्तान को दो टूक जवाब
दूसरी ओर, भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह पाकिस्तान के साथ केवल पीओके (पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर) की वापसी और आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत करेगा। व्यापक वार्ता 2003 में शुरू हुई थी, जब पाक के अंदर जनरल परवेज मुशर्रफ का राज था। इसमें आठ घटक थे, जिसमें दोनों देशों के बीच सभी विवादास्पद मुद्दे सम्मलित थे। हालाँकि, 2008 के मुंबई हमलों के बाद वार्ता पटरी से उतर गई और इसे उचित रूप में फिर से शुरू नहीं किया जा सका।
पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान युद्ध नहीं चाहता। हालाँकि, वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा या जल अधिकारों से कतई समझौता नहीं करेगा। बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनावपूर्ण स्थिति बन गई। 6 मई की रात को भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए थे।
उसके बाद पाकिस्तान की ओर से 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर अटैक करने की कोशिश हुई थी। जिसके जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी को करारा जवाब दिया था। फिर 10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद सीजफायर पर सहमति बनी।