Pakistan Economy Data: पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कदमों से पाकिस्तान बिलबिला उठा है। आतंकी हमले के बाद पूरे देश में गुस्सा है। सिन्धु जल समझौते को निलंबित करने के फैसले को पाकिस्तान ने एक्ट आफ वार कहा है। दोनो देशों के बीच इस समय तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आतंकवादियों पर कार्रवाई को लेकर बिहार से दिए गए संदेश ने पाकिस्तान की नींद हराम कर दी है। इस समय पाकिस्तान भारत द्वारा सर्जिकल स्ट्राईक जैसे कार्रवाई से डरा हुआ है। आर्थिक रूप से बदहाल पाकिस्तान युद्ध की गीदड़भभकी दे रहा है लेकिन क्या पाकिस्तान भारत से लड़ने में सक्षम है। दोनों देशों की अर्थवयवस्था में कितना अंतर है। रक्षा बजट में पाकिस्तान भारत के सामने कहा टिकता है। आइये जानते हैं-
महंगाई और भुखमरी से परेशान पाकिस्तान में खाने को लाले पड़े हुए हैं। पाकिस्तान भले ही भारत से टक्कर लेने की बातें करता हो लेकिन मौजूदा हालातों में उसकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वो भारत का मुकाबला कर सके। देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और भारी कर्ज़ के बोझ तले दबा हुआ है। वहां के कई प्रमुख उद्योगपति और व्यापारी पहले ही देश छोड़ चुके हैं। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लंबे समय से वर्ल्ड बैंक और IMF जैसी संस्थाओं की सहायता पर निर्भर रही है। बीते कई सालों में उसने बार-बार इन संस्थाओं से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
आज की तारीख में पाकिस्तान भारत के किसी भी क्षेत्र में मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है। अगर अर्थव्यवस्था की बात करें तो भारत की GDP इस समय लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर के करीब है जबकि पाकिस्तान की GDP सिर्फ 340 बिलियन डॉलर के आसपास है। यह अंतर साफ तौर पर दर्शाता है कि पाकिस्तान गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। वहीं आर्थिक विकास दर को देखें तो भारत की अर्थव्यवस्था हर साल करीब 6.5% की दर से आगे बढ़ रही है जबकि पाकिस्तान की विकास दर महज 2% है।
पाकिस्तान के कई औद्योगिक क्षेत्र बंद पड़े हैं, जिससे आर्थिक सुधार की उम्मीदें भी कम हो रही हैं। रक्षा बजट की बात करें तो भारत का मौजूदा सैन्य बजट करीब 78.7 अरब डॉलर है, जो पाकिस्तान के 7.6 अरब डॉलर के बजट से करीब 10 गुना ज्यादा है। इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि सैन्य ताकत के मामले में भारत पाकिस्तान से कहीं आगे है। अगर विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें तो भारत के पास इस समय करीब 678 अरब डॉलर का मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार है। इसके उलट पाकिस्तान की स्थिति इतनी खराब है कि वह विदेशों से बुनियादी जरूरत की चीजें भी आयात नहीं कर पा रहा है। उसके विदेशी मुद्रा भंडार की कुल राशि महज 8 अरब डॉलर के आसपास है।
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