नई दिल्ली। 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही थी, दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संगम में डुबकी लगा रहे थे तभी एक और खबर ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा। दोपहर करीब 2 बजे का समय था। अमृतसर के श्री गुरु रामदासजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिका का C-17 ग्लोबमास्टर प्लेन जो कि मिलिट्री का था लैंड हुआ। इसमें से 104 अवैध भारतीय अप्रवासी निकले। ये वो लोग हैं, जिन्हें ट्रंप सरकार अपराधी मानती है। उन सबको कैदियों की तरह जबरन डिपोर्ट किया गया है। कल से नई बहस ने जन्म ले लिया है कि आखिर इस पर मोदी मौन क्यों हैं?
20 जनवरी 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया था कि वो अवैध प्रवासियों को यहां से निकाल रहे हैं। बकौल ट्रंप ये लोग बहुत बुरे और खूंखार अपराधी है। ये सब हत्यारे हैं और इतने खतरनाक है, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। इसलिए सबसे पहले इनका निकालना जरूरी है। ट्रंप ‘लैकेन रिले एक्ट’ साइन किया, जिसके बाद अमेरिकी अधिकारियों को अवैध अप्रवासियों को निकालने का अधिकार मिला। 15 लाख लोगों की लिस्ट तैयार हुई, जिसमें 20,407 भारतीय भी शामिल हैं।
हाल ही में जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री से मुलाकात की थी तो अवैध अप्रवासियों का मुद्दा उठा था। जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री के सामने कहा था कि यहां जो भी भारतीय गलत ढंग से रह रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार वापस बुला लेगी। अब अमेरिका ने दादागिरी दिखाते हुए खुद से इन्हें वापस भेज दिया है। मोदी सरकार ने इस मामले में अपनी चुप्पी साध दी है। सरकार की चुप्पी पर विपक्षी दल हमलावर है। विदेशी मामलों के जानकार का कहना है कि ट्रंप और पीएम मोदी की मुलाकात होने वाली है। इस वजह से सरकार अभी मौन है।