KAAN Stealth Fighter Deal : तुर्की ने दावा किया था कि पांचवीं पीढ़ी के KAAN लड़ाकू विमान को लेकर इंडोनेशिया के साथ डील फाइनल हो गई है। तुर्की ने कहा कि उसने पांचवीं पीढ़ी के KAAN फाइटर जेट के लिए डील साइन कर दी है। इसके साथ ही तुर्की ने यह भी कहा था कि वह KAAN लड़ाकू विमान को लेकर कई देशों से बातचीत कर रहा है। लेकिन अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। तुर्की के दावों की पोल खुद इंडोनेशिया ने ही खोल दी है।
अभी तक फाइनल डील साइन नहीं हुई – इंडोनेशिया
इंडोनेशिया ने दावा किया है कि उसने अभी तक KAAN फाइटर जेट को लेकर तुर्की के साथ डील फाइनल नहीं की है। जबकि पिछले दिनों पेरिस एयर शो 2025 में तुर्की एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (TAI) के सीईओ मेहमत डेमिरोग्लू ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि KAAN विमान के निर्यात के लिए कई देशों से बातचीत चल रही है। इंडोनेशिया ने कहा है कि उसने तुर्की के साथ फाइनल डील साइन नहीं किया है और अभी वो विचार ही कर रहा है कि उसे ये डील करना है या नहीं।
एर्दोगन की इंटरनेशनल बेइज्जती!
जानकारी के लिए बता दें कि तुर्की के राष्ट्रपति ने इसी महीने एक्स पर एक पोस्ट में दावा किया था कि इंडोनेशिया ने 48 KAAN लड़ाकू विमान खरीदने के लिए सौदा किया है। उन्होंने कहा था कि इंडोनेशिया में भी KAAN लड़ाकू विमानों का निर्माण होगा, जिससे इंडोनेशिया की घरेलू डिफेंस इंडस्ट्री को भी फायदा होगा।
लेकिन अब जो खबर सामने आई है, उससे एर्दोआन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी हुई है। इंडोनेशियाई सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसने 48 KAAN लड़ाकू विमानों की खरीद के सौदे को अंतिम रूप नहीं दिया है और सौदे की संख्या और शर्तों पर अभी भी चर्चा चल रही है।
इंडोनेशियाई अखबार जकार्ता ग्लोब ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रक्षा मंत्री सजाफरी साजमुसोद्दीन और तुर्की के रक्षा उद्योग सचिव हलुक गोरगुन ने 11 जून को जेट विमानों की खरीद के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। लेकिन इंडोनेशियाई रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ तौर पर कहा है कि सौदे पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं।
फ्रांस के साथ 42 राफेल फाइटर जेट्स की डील
माना जाता है कि KAAN तुर्की का 5वीं पीढ़ी का फाइटर जेट है और इसे ऐसे समय में पेश किया जा रहा है जब कई देश अमेरिका से F-35 लाइटनिंग II विमान खरीदने में असमर्थ हैं, खासकर सऊदी अरब और यूएई जैसे खाड़ी देश, जिन्हें सुरक्षा और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को लेकर अमेरिका द्वारा बार-बार रोका गया है। इंडोनेशिया ने पहले ही फ्रांस के साथ 42 राफेल लड़ाकू विमानों के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
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