Iran Hypersonic Missile Fattah 1 : पश्चिम एशिया एक बार फिर युद्ध की आग में जल रहा है। ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने की जरूरत का हवाला देते हुए इजरायल ने तेहरान पर हमला किया। इजरायली सेना का दावा है कि उसके हमले में ईरान के कई परमाणु केंद्र नष्ट हो गए हैं। हमले में ईरान के सेना प्रमुख समेत कुछ परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए हैं।
इजरायली हमले के बाद ईरान ने युद्ध की घोषणा कर दी। उसने इजरायल पर मिसाइलों और ड्रोन से हमला भी किया। ईरानी हमले ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव समेत कई शहरों और इलाकों में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। फिलहाल दोनों तरफ से लगातार मिसाइल हमले किए जा रहे हैं।
इन सबके बीच सवाल यह उठता है कि इजरायल के पास आयरन डोम जैसा एयर डिफेंस सिस्टम होने के बावजूद ईरानी मिसाइल ने तबाही कैसे मचा दी? ईरान ने कौन सी मिसाइलें दागी थीं जिन्हें आयरन डोम भी नहीं रोक सका? ईरान की फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल इतनी खतरनाक है कि उसे एयर डिफेंस सिस्टम भी नहीं रोक सकता?
बता दें कि आयरन डोम को रूसी एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 और एस-500 का प्रतिद्वंद्वी बताया जाता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 की ताकत पूरी दुनिया ने देखी, लेकिन इजरायल का आयरन डोम ईरान की मिसाइलों को रोकने में विफल रहा है।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान ने फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल से इजरायल पर हमला किया है। यह मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है। अगर ईरान इजरायल के महत्वपूर्ण सैन्य प्रतिष्ठान पर मिसाइल से हमला करना चाहता है तो उसकी रेंज कम से कम 1000 किलोमीटर होनी चाहिए। ईरान की शक्तिशाली फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल की रेंज करीब 1400 किलोमीटर बताई जा रही है।
हाइपरसोनिक होने के कारण इसकी रफ्तार भी काफी ज्यादा है। सुरक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक हाइपरसोनिक मिसाइल कम ऊंचाई पर भी यात्रा करने में सक्षम हैं। कम ऊंचाई पर मार करने वाली मिसाइलें रडार को आसानी से चकमा दे देती हैं। विशेषज्ञों का तो यहां तक मानना है कि इस कैटेगरी की मिसाइलें एयर डिफेंस सिस्टम को भी बायपास कर सकती हैं। यही वजह है कि ईरान आयरन डोम को धता बताते हुए इजरायल के अंदर हमला करने में सफल रहा।
ईरान ने जून 2023 में फतह-1 मिसाइल को दुनिया के सामने पेश किया था। इसे इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स यानी IRGC ने विकसित किया था। ईरान ने नवंबर 2023 में इसका नया वर्जन फतह-2 विकसित किया। तेज रफ्तार होने की वजह से यह मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। पारंपरिक के साथ-साथ यह मिसाइल परमाणु हथियार भी ले जाने में सक्षम है। ऐसे में इसे काफी खतरनाक माना जा रहा है। अमेरिका, इजरायल और दूसरी पश्चिमी शक्तियां ईरान के मिसाइल कार्यक्रम को रोकने की कोशिश करती रही हैं। हालांकि, तमाम तरह के दबावों के बावजूद ईरान ने अपनी मिसाइल ताकत में काफी इजाफा किया है। मौजूदा युद्ध में तेहरान ने इसका प्रदर्शन भी किया है।
ईरान और इजराइल ने एक दूसरे पर कई मिसाइलें दागी हैं। दोनों देशों के बीच पिछले 48 घंटों से संघर्ष जारी है। इजराइल का दावा है कि उसने तेहरान में रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया है। इसके अलावा तेहरान और बुशहर में तेल डिपो और गैस रिफाइनरियों समेत 150 से ज़्यादा ठिकानों को निशाना बनाया गया है। दो दिन की लड़ाई में अब तक 138 ईरानी नागरिकों के मारे जाने का दावा किया जा रहा है।
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