Iran-Israel Ceasefire: इजरायल-ईरान के बीच 12 दिनों के खूनी संघर्ष के बाद सीजफायर का ऐलान हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (23 जून 2025) को घोषणा की कि ईरान और इजरायल अब संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं और अगले 24 घंटों में संघर्ष विराम लागू हो जाएगा। हालांकि, इसमें मुस्लिम देश कतर की बहुत बड़ी भूमिका रही है। आपको बता दें कि, तेहरान कतर के जरिए और अमेरिका की ओर से पेश की गई शर्तों पर संघर्ष विराम पर राजी हुआ है। इसे शांति बहाली की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। बीबीसी के अमेरिकी समाचार सहयोगी सीबीएस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों ने संघर्ष विराम की पुष्टि की है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच सीधी बातचीत हुई। इजरायल इस शर्त पर राजी हुआ कि ईरान की ओर से अब कोई हमला नहीं होगा। इस बीच, तेहरान से जुड़े वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों ने भी रॉयटर्स और सीबीएस से पुष्टि की है कि ईरान कतर की मध्यस्थता और अमेरिका की ओर से पेश की गई शर्तों पर संघर्ष विराम पर राजी हो गया है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रुबियो और ईरान के लिए विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने ईरानियों के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष वार्ता की, जो अंततः इस समझौते की नींव बनी।
हालांकि, इस युद्ध विराम में मुख्य मध्यस्थ की भूमिका कतर ने निभाई, जिसने ट्रैक-2 कूटनीति के माध्यम से दोनों देशों के बीच पुल का काम किया। उन्होंने अमेरिका और ईरान के बीच वार्ता की कड़ी को बनाए रखा। कतर का यह कदम उसे मध्य पूर्व शांति प्रक्रियाओं में एक नया रणनीतिक केंद्र बना रहा है।
इजरायली रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हम ईरान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार थे, लेकिन अगर अमेरिका और हमारे सहयोगियों के प्रयासों से यह संकट टल जाता है, तो यह बेहतर विकल्प है। हालांकि, इजरायल ने साफ कर दिया कि अगर युद्ध विराम तोड़ा गया तो वह तुरंत जवाब देने के लिए मजबूर होगा।
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