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खामनेई को निशाना बनाया तो…’, शियाओं के सबसे बड़े धर्मगुरु ने इराक से दी खुली धमकी, अब क्या करेंगे ट्रंप-नेतन्याहू?

Iran Israel War: इजराइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध ने पूरी दुनिया का ध्यान मध्य पूर्व की ओर खींचा है। डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी और कहा कि अमेरिका जानता है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई कहां छिपे हैं। ट्रंप की चेतावनी के […]

Iran Israel War
inkhbar News
  • Last Updated: June 19, 2025 18:04:57 IST

Iran Israel War: इजराइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध ने पूरी दुनिया का ध्यान मध्य पूर्व की ओर खींचा है। डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को बिना शर्त आत्मसमर्पण करने की चेतावनी दी और कहा कि अमेरिका जानता है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई कहां छिपे हैं। ट्रंप की चेतावनी के बाद खामेनेई ने भी अमेरिका को जवाब दिया है। इस बीच इराक के शीर्ष शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अली सिस्तानी ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान के नेतृत्व को निशाना बनाया गया तो क्षेत्र में अराजकता फैल जाएगी।

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भयंकर परिणाम भुगतने होंगे- सिस्तानी

समाचार एजेंसी एफपी की रिपोर्ट के मुताबिक अयातुल्ला अली सिस्तानी ने गुरुवार (19) को खामेनेई की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर सर्वोच्च धार्मिक और राजनीतिक नेतृत्व को निशाना बनाया गया तो इसके भयंकर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि इससे क्षेत्र के लोगों की मुश्किलें बढ़ेंगी और सभी के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचेगा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस युद्ध को खत्म करने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह किया।

पूरी दुनिया में हैं अली सिस्तानी के अनुयायी

अल-सिस्तानी को शिया मुसलमानों में सबसे बड़े धार्मिक नेताओं में से एक माना जाता है। पूरी दुनिया में उनके अनुयायी हैं और भारत में ज़्यादातर शिया उन्हें अपना मरजा मानते हैं (मरजा उस व्यक्ति को कहा जाता है जिसकी व्याख्या शिया मुसलमान के लिए ज़रूरी है कि वह उस पर विश्वास करे या उसका अनुसरण करे।) उन्हें सार्वजनिक तौर पर बहुत कम देखा जाता है। 20214 में उन्होंने इराकियों से एकजुट होकर ISIS के खिलाफ़ अपने देश की रक्षा करने का आग्रह किया था।

इराक में सद्दाम हुसैन की सरकार के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं थे। BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें लंबे समय तक नज़रबंद रहना पड़ा, लेकिन वे राजनीति से दूर रहे। 2003 में उन्होंने अमेरिका की पहल पर इराकी सरकार परिषद बनाने की योजना को खारिज कर दिया।

ईरान ने अमेरिका को दी चेतावनी

इराक के शीर्ष शिया धर्मगुरु का यह बयान ऐसे समय में आया है जब ट्रंप ने कहा कि उन्हें पता है कि खामेनेई कहां छिपे हैं, लेकिन अमेरिका अभी उन पर हमला नहीं करेगा। ट्रंप को जवाब देते हुए खामेनेई ने कहा कि अगर अमेरिका इजरायल के साथ युद्ध में अपनी सेना भेजता है तो उसे इतना नुकसान होगा जिसकी वह कल्पना भी नहीं कर सकता।

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