Ayatollah Ali Khamenei : मिडिल ईस्ट में इजरायल और ईरान एक दूसरे पर लगातार बमबारी कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान पर हाल ही में दिए गए बयान और उसके बाद रूस और चीन की प्रतिक्रिया ने पूरी दुनिया का ध्यान इस क्षेत्र में चल रहे युद्ध की ओर खींचा है। इस बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि इजरायल का अमेरिका से मदद मांगना इस बात का संकेत है कि वह कमजोर हो गया है।
खामेनेई ने एक्स पर पोस्ट करके ईरान के लोगों से हिम्मत बनाए रखने की अपील की। उन्होंने लिखा, “मैं अपने प्यारे देश से कहना चाहूंगा कि अगर दुश्मन को पता चल गया कि आप उनसे डरते हैं, तो वे आपको नहीं छोड़ेंगे। आपने आज तक जो हिम्मत दिखाई है, उसे जारी रखें।” कुरान का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “जीत सिर्फ़ अल्लाह से मिलती है, सर्वशक्तिमान ईश्वर ईरानी राष्ट्र, सत्य और सही पक्ष को ज़रूर जीत दिलाएगा।”
रूस ने ईरान-इजरायल युद्ध में सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ अमेरिका को चेतावनी दी है। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि अगर अमेरिका ईरान के खिलाफ अपनी सेना भेजता है तो हालात और खराब हो जाएंगे।
इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने फ़ोन पर ईरान पर इज़रायली हमलों की कड़ी निंदा की। उन्होंने इज़रायल की कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि ईरान-इजराइल युद्ध खामेनेई के खात्मे के साथ ही रुकेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान से बिना किसी शर्त के आत्मसमर्पण करने को कहा है। ईरान पर अमेरिका के रुख को देखते हुए चीन और रूस ने भी प्रतिक्रिया दी है, जिससे इस बात को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है कि यह युद्ध कहां तक जाएगा।
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