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इजरायल के हमलों में ईरान के ‘मिसाइल मैन’ की मौत, माने जाते थे खामेनेई के सबसे खास, IRGC के चीफ से थरथराता था अमेरिका

Israel-Iran War:शुक्रवार की तड़ाके सुबह इजरायली धमाकों से ईरान दहल गया। इसकी पुष्टि खुद इजरायल के डिफेंस मिनिस्टर इजरायल काट्ज ने की है। उन्होने हमले को लेकरकहा  कि हमने दुश्मन देश पर निर्णायक हमला किया है। इस हमले में इरान को बड़ा नुकसान हुआ है। खबर सामने आई है कि इजरायल के हमले में ईरान […]

Hussein Salami
inkhbar News
  • Last Updated: June 13, 2025 11:39:00 IST

Israel-Iran War:शुक्रवार की तड़ाके सुबह इजरायली धमाकों से ईरान दहल गया। इसकी पुष्टि खुद इजरायल के डिफेंस मिनिस्टर इजरायल काट्ज ने की है। उन्होने हमले को लेकरकहा  कि हमने दुश्मन देश पर निर्णायक हमला किया है। इस हमले में इरान को बड़ा नुकसान हुआ है। खबर सामने आई है कि इजरायल के हमले में ईरान के सबसे ताकतवर सैन्य अफसरों में गिने जाने वाले मेजर जनरल हुसैन सलामी की मौत हो गई। जिसके बाद से पूरे इरान में तहलका मच गया है।सलामी के मौत की पुष्टी खुद ईरान के सरकारी मीडिया ने कि है। मीडिया की माने तो सलामी हमले के वक्त IRGC के मुख्यालय में मौजूद थे।सलामी के मौत के साथ कई और टॉप सैन्य अधिकारी और वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं।

ईरान की सबसे ताकतवर फोर्स

बता दें हुसैन सलामी 2019 से IRGC (Islamic Revolutionary Guard Corps) के चीफ थे। बता दें IRGC ईरान की सबसे ताकतवर फोर्स मानी जाती है। ये फोर्स ना सिर्फ मिसाइलों के निमार्ण करने के अलावा देश के अंदर विरोध का खात्मा करता है। वहीं दूसरे देशों  सीरिया, इराक, यमन और लेबनान में ईरानी एजेंडा चलाती है।

हुसैन सलामी का ईरान में महत्व इसी बात से समझ सकते हैं कि सलामी को ईरान की मिसाइलों का आर्किटेक्ट माना जाता था।  कुछ दिनों पहले सलामी को ईरान के एक गुप्त भूमिगत मिसाइल ठिकाने पर देखा गया था। जहां नए ताकतवर मिसाइल तैयार किए जा रहे थे। 2024 में जब ईरान ने इजरायल पर ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं तो उसके मास्टरमाइंड भी सलामी ही थे। सलामी का रुतबा ऐसा था कि वो सीधे ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई को रिपोर्ट करते थे। रणनीति, जवाबी कार्रवाई, सीक्रेट ऑपरेशन, हर बड़ी फाइल पहले सलामी की टेबल से होकर गुजरती थी।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई

हुसैन सलामी का जन्म 1960 में इस्फ़हान प्रांत के गोलपायगन शहर में हुआ था। 1980 में जब ईरान-इराक युद्ध छिड़ा, तब वे मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। उन्होंने किताबें छोड़कर हथियार उठाए और IRGC में शामिल हो गए। उनकी युद्ध रणनीति और तकनीकी समझ ने उन्हें जल्द ही ऊंचे पदों पर पहुंचा दिया। IRGC की एयरोस्पेस यूनिट के प्रमुख के तौर पर उन्होंने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को वैश्विक शक्तियों के लिए सिरदर्द बना दिया था। उनकी इन हरकतों की वजह से अमेरिका ने उन्हें सख्त अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों की सूची में डाल दिया था।

अमेरिका को खुली चेतावनी

सलामी अपने आक्रामक बयानों और कट्टर राष्ट्रवाद के लिए जाने जाते थे। वे अपने भाषणों में बार-बार अमेरिका को चेतावनी देते थे। वे खुलेआम इजरायल को धमकाते थे। महसा अमिनी विरोध के दौरान उन्होंने सीधे तौर पर इसे विदेशी साजिश बताया था। उन्होंने कोविड-19 को भी अमेरिका की जैविक साजिश बताया था।

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