Operation Rising Lion : गाजा जंग के बाद अब मीडिल ईस्ट में बड़ा युद्ध देखने को मिल सकता है। शुक्रवार को इजरायल ने ईरान में हवाई हमले कर क्षेत्र में तनाव और भी ज्यादा बड़ा दिया है। इन हवाई हमलों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाया गया है। वहीं इजरायल ने वह हमले तब तक जारी रखेगा, जब तक ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह खत्म नहीं कर देता है।
वहीं इजरायली हमलों से दहले ईरान ने हमलों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है और सुप्रीम लीडर अली खामेनेई और दूसरे शीर्ष नेताओं ने ऐलान कर दिया है कि इजरायल से बदला जरूर लिया जाएगा। अब एक्सपर्ट मान रहे हैं कि अगर दोनों देशों के बीच जंग हुई तो इसकी जद में यमन, लेबनान जैसे देश आएंगे और यूएई और सऊदी जैसे मुल्क पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
यरूशलम पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि इजरायल के हमले के बाद ईरान की प्रतिक्रिया और क्षेत्रीय शक्तियों पर इसके असर को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इससे क्षेत्र की स्थिरता पूरी तरह खतरे में पड़ गई है। दो दिन पहले तक ओमान में अमेरिका और ईरान के बीच होने वाली बैठक से तनाव कम होने की उम्मीद थी, लेकिन शुक्रवार को चीजें पूरी तरह बदल गईं।
याद दिला दें कि साल 2024 में इजरायल और ईरान ने एक दूसरे पर जमकर हमले किए थे। ईरान की तरफ से इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन से हमला किया गया था। एक बार फिर मीडिल ईस्ट की दो महाशक्तियां आमने-सामने हैं। इन हमलों के बाद ईरान ने बदले धमकी दी है। इसके अलावा तेहरान ने कहा है कि वो वह पश्चिम एशिया में अमेरिका के सैन्य ठिकानों को निशाना बना सकता है। तेहरान की सेना के साथ-साथ ‘ईरानी ऑक्टोपस’ यानी क्षेत्र में उसके प्रॉक्सी गुट भी तैयार बैठे हैं।
ताकत की बात करें तो पुरे क्षेत्र में ईरान समर्थक मिलिशिया पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्से मौजूद हैं। इसके अलावा यमन में हूती और लेबनान में हिजबुल्लाह गुटों को भी ईरान को समर्थन है। हाल के समय में ईरान ने रूस और चीन के साथ भी अपने रिश्ते मजबूत किए हैं। इससे तेहरान को सैन्य मदद मिल सकती है। ऐसे में आने वाले दिनों में पूरे खाड़ी क्षेत्र में अस्थिरता दिख सकती है।
वहीं अमेरिका के रुख पर भी सभी की निगाहें होगीं। विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल तो अमेरिका की ओर से कहा गया है कि वह इजरायल के साथ ईरान पर हमलों में शामिल नहीं है।
लेकिन अगर जंग शुरू हुई तो इजरायल को अमेरिका का समर्थन जरूर मिलेगा और अगर अमेरिका इस जंग में शामिल हुआ तो उसके साथ खाड़ी में उसके सहयोगी भी शामिल हो सकते हैं। इससे तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाएगा और दुनिया के सभ देशों पर इसका असर पड़ेगा।
Israel Iran War: कैसे भारत के लोगों की जेब खाली कर देगा इजरायल का ईरान पर हमला, जान उड़ जाएंगे होश