Inkhabar
  • होम
  • दुनिया
  • इजरायल में अनाथ हुए मुसलमान? ईरानी मिसाइलों से ऐसे बचाते फिर रहे अपनी जान, Video देख कांप जाएगी रूह

इजरायल में अनाथ हुए मुसलमान? ईरानी मिसाइलों से ऐसे बचाते फिर रहे अपनी जान, Video देख कांप जाएगी रूह

Israel Iran War: उत्तरी इजरायल में हाइफा के पास तामार शहर के निवासियों ने कभी नहीं सोचा होगा कि यह समृद्ध शहर ऐसे भयावह अनुभव का सामना करेगा। इस शहर के अधिकांश लोग फिलिस्तीनी मूल के इस्राइली नागरिक हैं। शनिवार (14 जून) देर रात तकरीबन 11:50 बजे एक ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल स्थानीय निवासी खतीब के […]

Inkhabar
inkhbar News
  • Last Updated: June 16, 2025 17:27:10 IST

Israel Iran War: उत्तरी इजरायल में हाइफा के पास तामार शहर के निवासियों ने कभी नहीं सोचा होगा कि यह समृद्ध शहर ऐसे भयावह अनुभव का सामना करेगा। इस शहर के अधिकांश लोग फिलिस्तीनी मूल के इस्राइली नागरिक हैं। शनिवार (14 जून) देर रात तकरीबन 11:50 बजे एक ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल स्थानीय निवासी खतीब के परिवार पर गिरी, जिसमें मां मनार खतीब, उनकी बेटियों शता (13) और हला (20) के साथ एक अन्य रिश्तेदार मनार दियाब की मौत हो गई।

इस हमले में न सिर्फ खतीब का घर तबाह हो गया, बल्कि कई मीटर के दायरे में कारें और अन्य घर भी तबाह हो गए। इस्राइल की राष्ट्रीय आपातकालीन सेवा मैगन डेविड एडोम ने परिवार के चार सदस्यों की मौत की पुष्टि की है। हमास के खिलाफ युद्ध के दौरान उत्तरी इस्राइल के सीमावर्ती इलाके में कभी-कभार रॉकेट दागे जाते थे, लेकिन रक्षा प्रणाली द्वारा उन्हें रोक दिया जाता था।

इजराइल लंबे समय से दावा करता रहा है कि उसके पास आश्रयों की कोई कमी नहीं है, लेकिन अब जब ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष और भी बदतर हो गया है, तो आश्रयों की कमी की खबरें आने लगी हैं। आपातकालीन बचाव स्वयंसेवक मोहम्मद दीब ने CNN की एक रिपोर्ट को बताया कि “जब हमने हमले की आवाज़ सुनी, तो गाँव के सभी लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। यह बहुत मुश्किल और अराजक था। हमने सड़क पर बिखरे हुए शरीर के अंग और बहुत दुखद दृश्य देखे, जिन्हें हम नहीं देखना चाहते थे।” दीब ने कहा कि प्रभाव की तीव्रता के कारण परिवार तक पहुँचना मुश्किल था। आपातकालीन दल किसी तरह तीन मंजिला इमारत के “बड़े पैमाने पर विनाश” के नीचे फंसे बचे लोगों की खोजबीन कर रहे थे।

बेंगलुरु का एक और खौफनाक वीडियो, अंग्रेजी में बोल रही थी महिला…कन्नड़ Rapido डाइवर ने अचानक जड़ दिया थप्पड़

इजराइल में बम आश्रयों की कमी उजागर

तमरा शहर में करीब 37 हजार लोग रहते हैं, जिनमें से सिर्फ 40 फीसदी ऐसे नागरिक हैं जिनके घर में सुरक्षित कमरा या आश्रय गृह है। इजराइल में जब लोग घर बनाते हैं, तो वे घरों के नीचे आश्रय गृह बनाते हैं, ताकि हमले की स्थिति में जान बचाई जा सके। तमरा शहर में कोई बंकर या सार्वजनिक आश्रय गृह नहीं है। ऐसा लगता है कि इजराइली सरकार को शायद इस शहर पर हमले की उम्मीद नहीं थी। हालांकि, अब स्कूलों को आश्रय गृह बनाने का फैसला किया गया है।

इजराइल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट (आईडीआई), एक स्वतंत्र शोध केंद्र ने तमरा हमले के बाद एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें कहा गया है कि युद्ध शुरू होने के करीब दो साल बाद भी, “अरब समुदाय अनसुलझे हैं।” रिपोर्ट अरब और यहूदी समुदायों के बीच “सुरक्षा में महत्वपूर्ण अंतर” की ओर इशारा करती है। यानी यहूदी समुदाय की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया गया है।

इजरायल के कानून के अनुसार, 1990 के दशक की शुरुआत के बाद बनी सभी रिहायशी इमारतों और औद्योगिक इमारतों में बम से बचाव के लिए आश्रय स्थल होना चाहिए। चेतावनी सायरन बजने पर ये आश्रय स्थल इजरायलियों की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होते हैं। सायरन बजने के बाद लोग तुरंत आश्रय गृह में चले जाते हैं, यही वजह है कि जान-माल का नुकसान कम होता है। एपीएफ और अरब न्यूज की रिपोर्ट बताती है कि इजरायल की फिलिस्तीनी नागरिक आबादी को काम, शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं की स्वतंत्रता में कोई समस्या नहीं है। लेकिन सुरक्षा ढांचे में भेदभाव आसानी से देखा जा सकता है। यही कारण है कि तामार जैसे शहरों में दूसरे शहरों जैसी सुरक्षा व्यवस्था नहीं है।

मुस्लिम इलाकों में लोगों की जान की परवाह नहीं की जाती!

तमरा पर हमला पूरे इसराइल के दिल के लिए चुनौती बन गया है, लेकिन तमरा ने इसराइली सरकार की सोच को उजागर कर दिया है। सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो ने इसराइल की मानसिकता को सामने ला दिया है। सीएनएन ने ऐसे ही एक वीडियो के आधार पर कहा है कि तमरा शहर पर हमले के बाद पड़ोसी मित्ज़पे अवीव शहर में यहूदी आबादी ने जश्न मनाया है। सीएनएन ने वीडियो की पुष्टि की है। वीडियो में उत्सव मना रहे यहूदी समुदाय के लोग ‘आपकी बस्ती जल रही है’ कहकर जश्न मना रहे थे।

इसराइली सांसद डॉ. अहमद तुबी ने यह भी कहा कि यह “इसराइल में फैली नस्लवादी संस्कृति का एक उदाहरण और नतीजा है। यह फासीवादी राजनीति का नतीजा है।” इसराइली संसद के एक और सदस्य नामा लाज़िमी ने एक्स पर वीडियो की निंदा की और लिखा कि यह “शर्मनाक और घिनौना है।” आश्रय स्थलों की कमी पर लाज़िमी ने कहा कि “यह और भी शर्मनाक है क्योंकि यह नस्लवादी और परित्याग नीतियों वाला राज्य है।” तमरा निवासी नेजमी हिजाजी ने भी वीडियो पर दुख व्यक्त करते हुए सीएनएन को बताया कि “आपके अपने देश में आपके साथ अजनबी, यहां तक ​​कि दुश्मन जैसा व्यवहार किया जाता है, यहां तक ​​कि आपके खून और आपकी मौत का जश्न भी मनाया जाता है।”

बेंगलुरु का एक और खौफनाक वीडियो, अंग्रेजी में बोल रही थी महिला…कन्नड़ Rapido डाइवर ने अचानक जड़ दिया थप्पड़