मीडिया की माने तो अली शामखानी इजरायल के पहले हमले जिसमे इजरायल ने दावा किया था कि वह ईरान के न्यूक्लियर साइट पर हमला किया है उसी हमल में गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे। अली शामखानी को हमले में चोटिल होने के बाद से हॉस्पीटल में इलाज के लिए रखा गया था लेकिन गंभीर घायल होने के दो दिन बाद उनकी मौत हो गई। बता दें शामखानी को खामेनेई का रणनीतिक सलाहाकर और ईरान की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति का प्रमुख वास्तुकार माना जाता था।
इस मौत को सिर्फ एक कीमती जान के तौर पर नहीं, बल्कि ईरान के रणनीतिक रीढ़ टूटने के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें शामखानी ने सालों तक ईरानी नौसेना की कमान संभाली वो सालों तक ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के चिफ भी रहे। उनकी मौत ईरान के सैन्य संतुलन पर भी असर डाल सकता है।
रेड क्रिसेंट सोसाइटी के प्रवक्ता बाबक महमूदी खालदी के अनुसार, ईरान के 31 में से 18 प्रांत इजरायली हमलों से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। वहीं, ईरानी मीडिया और अधिकारियों के हवाले से खबर आ रही है कि इजरायली हमलों में एक और परमाणु वैज्ञानिक अली मंसूर बाकुई की मौत हो गई है। माज़ंदरान प्रांत के गवर्नर जनरल ने यह जानकारी दी। इससे पहले भी इजरायल पर ईरानी परमाणु कार्यक्रम से जुड़े वैज्ञानिकों को निशाना बनाने का आरोप लगता रहा है और अब ये हमले उन आरोपों को और मजबूत कर रहे हैं।
इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब इजरायल की सुरक्षा कैबिनेट ईरान में अपने हमलों का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही है। इन संकेतों से साफ है कि यह सिर्फ शुरुआती हमला नहीं था, बल्कि एक लंबी रणनीति का हिस्सा है। अगर ईरान और इजरायल के बीच यह तनाव ऐसे ही बढ़ता रहा तो पूरा पश्चिम एशिया एक बड़े संघर्ष की ओर बढ़ सकता है।