Israel Iran War: मिडिल ईस्ट में तनाव अपने चरम पर है। इजराइल ने ईरान के खिलाफ ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ चलाकर परमाणु ठिकानों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। जवाब में ईरान ने इजरायल के खिलाफ ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3’ चलाया। दुनिया का हर देश इस युद्ध को बढ़ने से रोकने की कोशिश कर रहा है, लेकिन ईरान और इजरायल दोनों ही पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इजरायल ने ईरान पर हमला क्यों किया और इसका भारत पर क्या असर होगा?
ईरानी सेना ने इजरायल को चेतावनी दी है कि अगला हमला दो हजार मिसाइलों से होगा। ईरान ने जोर देकर कहा कि लक्ष्य हासिल होने तक ऑपरेशन ‘ट्रू प्रॉमिस-3’ जारी रहेगा। दूसरी तरफ, इजरायल ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए कमर कस रहा है। आईडीएफ ने बयान जारी कर कहा कि वह ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाना जारी रखेगा।
इजरायल ने दावा किया है कि उसके हमले में 9 ईरानी परमाणु वैज्ञानिक मारे गए हैं। इजरायल ने मारे गए वैज्ञानिकों के नाम भी जारी किए हैं। इसके अलावा ईरान ने दो वरिष्ठ ईरानी जनरलों के मारे जाने की पुष्टि की है। सरकारी टेलीविजन रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल के हमलों में दो वरिष्ठ ईरानी जनरल मारे गए हैं, इजरायल ईरान की सैन्य और परमाणु क्षमताओं पर अपना हमला जारी रखता है। इस हमले में सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ के खुफिया उप प्रमुख जनरल घोलमरेजा मेहराबी और संचालन उप प्रमुख जनरल मेहदी रब्बानी मारे गए।
अब सवाल यह है कि अगर दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ता है, तो उसका भारत पर क्या असर पड़ेगा? आपको जानकारी के लिए बता दें कि, इजरायल और ईरान दोनों देशों के साथ भारत के अच्छे रिश्ते हैं। अगर इजरायल की बात करें तो यहां से भारत को हथियार, ड्रोन, मिसाइल डिफेंस सिस्टम और साइबर सुरक्षा तकनीक मिलती है, तो वहीं ईरान से तेल मिलता है। जानकारी के अनुसार, भारत अपनी 85% तेल की जरूरत आयात से पूरी करता है। ऐसे में अगर इजरायल और ईरान में युद्ध हुआ तो भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें और महंगाई दोनों बढ़ेगी।